श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों ने कोहराम मचाया हुआ है, आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने गुरुवार को तीन पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी, जिनके शव आज सर्च ऑपरेशन के दौरान बरामद किए गए हैं. साथ ही हिज्बुल के आतंकियों का हौसला इतना बढ़ गया है कि वे खुले आम लोगों को और पुलिस कर्मियों को धमकियाँ दे रहे हैं. हिज्बुल के आतंकियों ने घाटी में जगह-जगह पोस्टर चिपकाए हैं, जिनमे पुलिसकर्मियों को चेतावनी दी गई है कि वे तीन दिन के अंदर अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दें, वरना उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ेगा. इसके साथ ही हिज्बुल द्वारा एक वीडियो भी जारी किया गया है, जिसमे यही धमकी दी गई है. इन्ही धमकियों से डरकर और तीन पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद आज 4 स्पेशल पुलिस ऑफिसर्स ने भी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया है. ऐसे हालात में हर शख्स यही जानना चाहता है कि आखिर वो है कौन जो जम्मू कश्मीर में आतंक का पर्याय बना बैठा है. तो बता दें कि इन सभी घटनाओं के पीछे हिज्बुल कमांडर रियाज़ नायकु का हाथ है.
आखिर कौन है रियाज़ नायकु ?
रियाज नायकू उर्फ मोहम्मद बिन कासिम सेना की हिटलिस्ट में काफी ऊपर है, उसे A++ श्रेणी का आंतकी बताया गया है, बांदीपोरा का रहने वाला नायकू 2010 से कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल है. 29 साल के रियाज नायकू को हिजबुल कमांडर सबजार बट की मौत के एक दिन बाद ही नया कमांडर नियुक्त कर दिया गया था. रियाज़ नायकु ने ही एक वीडियो जारी करके तीनों पुलिसकर्मियों की हत्या की जिम्मेदारी ली थी, साथ ही अन्य पुलिस कर्मियों को धमकी भी दी थी कि जल्द से जल्द अपने पद से इस्तीफा दे दें, वरना अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें, रियाज़ ने वीडियो में पुलिस कर्मियों के परिजनों को भी जान से मारने की धमकी दी थी, साथ ही उसने पुष्टि के लिए इस्तीफे की कॉपी इंटरनेट पर डालने के लिए कहा था. इसके बाद आज जम्मू कश्मीर से 4 पुलिसकर्मियों के नौकरी से इस्तीफे दिए जाने की खबर आई थी. जम्मू कश्मीर में पुलिसकर्मियों की हत्या का सिलसिला 22 अगस्त से जारी है, तब से लेकर अब तक रियाज़ नायकु के ही इशारे पर 9 पुलिस कर्मियों की हत्या की जा चुकी है.
आतंकी संगठन अल क़ायदा के खिलाफ है रियाज़
हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी रियाज़ नायकु, कुख्यात आतंकी संगठन अल क़ायदा के खिलाफ है, वो लोगों से अपील करता रहता है कि अल क़ायदा का साथ न दें. पिछले साल दक्षिण कश्मीर में रियाज़ एक आतंकी शरीफ अहमद के अंतिम संस्कार में गया था, जहां उसने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा था कि "अल-कायदा के जाल में नहीं फंसें क्योंकि यह हमारे स्वतंत्रता आंदोलन को बदनाम कर रहा है." इसका एक वीडियो सामने आया था, जिसमे रियाज़ हाथ में एके 47 पकड़े, लोगों से कह रहा है कि कश्मीर में अल कायदा इकाई गठित करने से जुड़ा बयान ‘कश्मीर वासियों की आजादी की लड़ाई को बदनाम करने के उद्देश्य से दिया गया है.
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