नई दिल्ली: केंद्र सरकार आज यानी बुधवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में चुनावी प्रतिनिधित्व और आरक्षण कोटे पर लोकसभा में 4 प्रमुख विधेयक पेश कर सकती है। लोकसभा की संशोधित कार्य सूची के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसमें संशोधन के लिए एक विधेयक पेश करेंगे। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019। विधेयक का उद्देश्य जम्मू कश्मीर विधानसभा में तीन सीटें - दो कश्मीरी पंडितों के लिए और एक पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के शरणार्थियों के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है।
इसके साथ ही शाह जम्मू और कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004 में संशोधन के लिए एक विधेयक भी पेश करेंगे। बता दें कि, यह एक राज्य कानून है और "अन्य सामाजिक जातियों" को "अन्य पिछड़ा वर्ग" नाम देने के लिए संसद में संशोधन किया जा रहा है। कार्यक्रम के अनुसार, केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा संविधान में और संशोधन करने के लिए एक विधेयक पेश करेंगे (जम्मू) और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश, 1989। बता दें कि, संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023, पहाड़ी, पद्दारी, गड्डा ब्रामन और कोली जनजातियों को ST केटेगरी में शामिल करने का प्रयास करता है।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि हालिया परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीटों की संख्या 107 से बढ़कर 114 हो गई है, जिसमें नौ सीटें अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित हैं। वहीं, नेशनल कांफ्रेंस (NC), PDP और अन्य जैसे क्षेत्रीय दलों ने राजनीतिक लाभ के लिए परिसीमन प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए आलोचना की थी, क्योंकि रिपोर्ट में कुछ निर्वाचन क्षेत्रों को बदल दिया गया था। इसी तरह, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश करेंगे, जो वाल्मिकी समुदाय को जम्मू और कश्मीर की अनुसूचित जातियों (SC) की सूची में शामिल करने का प्रयास करता है।
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