शिमला: हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति वर्तमान में गंभीर चिंताओं का विषय बनी हुई है। राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा चुनावों के दौरान किए गए मुफ्त सुविधाओं के वादों के चलते आर्थिक संकट गहरा गया है। इन वादों पर हुए अत्यधिक खर्च के कारण राज्य पर लगभग 94,000 करोड़ रुपये का भारी कर्ज हो गया है। इसका सीधा असर यह है कि राज्य के इतिहास में पहली बार लगभग 2 लाख कर्मचारियों और 1.5 लाख पेंशनभोगियों को समय पर वेतन और पेंशन नहीं मिल पाई है।
हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था डगमगा रही है,
— Sunil Deodhar (@Sunil_Deodhar) September 5, 2024
और राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू विधानसभा में चैन की नींद सो रहे हैं!
यही सच्चाई है, कांग्रेस के खटाखट मॉडल की...????#Congress #HimachalPradesh pic.twitter.com/RyS9qF5bl3
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्वयं स्वीकार किया है कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसी बीच, विधानसभा में राज्य की आर्थिक स्थिति पर गंभीर चर्चा चल रही थी, तभी सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें देखा जा सकता है कि मुख्यमंत्री सुक्खू विधानसभा सत्र के दौरान सो रहे थे। इस वीडियो के सामने आने के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना शुरू कर दी है। कई लोग इसे सरकार की निष्क्रियता और कांग्रेस के 'खटाखट मॉडल' की वास्तविकता के रूप में देख रहे हैं, और सरकार पर तंज कस रहे हैं।
अरे हिमाचल को बर्बाद कर के सुख की नींद सोते हुए सुक्खू @SukhuSukhvinder pic.twitter.com/lv04WS5XKR
— Sardar Lucky Singh???????? (@luckyschawla) September 5, 2024
इस घटना ने राज्य में सरकार की प्राथमिकताओं और गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार जल्द ही आर्थिक संकट से निपटने के लिए ठोस कदम उठाएगी और कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों की समस्याओं का समाधान करेगी। लेकिन, ऐसे समय पर जब मुख्यमंत्री ही विधानसभा में सोते नज़र आएं, तो जनता का गुस्सा होना लाजमी है, आखिर विधानसभा सत्र रोज़ तो होता नहीं है।
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