शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अभी मुख्यमंत्री का पद संभाले 5 महीने भी नहीं हुए हैं, लेकिन उन्होंने अफसरों के खिलाफ की गई अपनी कार्यवाहियों से साफ़ ज़ाहिर कर दिया है कि उन्हें परिणाम कागज़ों पर नहीं बल्कि ज़मीनी स्तर पर चाहिए. इससे पहले उन्होंने पीएम मोदी और बीजेपी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात की है, साथ ही कई वरिष्ठ जजों से भी चर्चा की है.
दरअसल हिमाचल की भाजपा सरकार 2019 के आम चुनावों से पहले ऐसा कुछ कर दिखाना चाहती है, जिससे आगे भी कमल का फूल खिला रहे, इसलिए फसरों की चुस्त-दरुस्त, मुस्तैद व ईमानदार टीम का गठन करने का काम मुख्यमंत्री ने खुद अपने हाथों में लिया है. एक-दो अफसरों के नाज नखरे छोड़ दें तो बाकियों के मामले में मुख्यमंत्री ने कड़े फैसले लेकर सीधा संदेश दिया है कि कोई लाग लपेट नहीं बल्कि 'रिजल्ट' देने होंगे. मुख्यमंत्री के सीधे आदेश हैं कि जब तक स्थिति सुधर नहीं जाती, तब तक सभी अफसर 16 घंटों तक काम करेंगे, खुद सीएम भी 16 घंटे काम कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने पुलिस पर भी शिकंजा कसा है, उन्होंने पुलिस विभाग के साथ हुईं बैठक में साफ कहा कि माफिया पर नकेल डालो वरना सरक लो. अपनी ईमानदार छवि को बरकरार रखते हुए मुख्यमंत्री अफसरों से भी यही उम्मीद कर रहे हैं. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है कि बेहतर कार्यप्रणाली के लिए यह अरेंजमेंट किया है. आगे तबादले भी किए जा सकते हैं, उन्होंने कहा कि जहां जरूरी होगा वहां कड़े फैसले लिए जा सकते हैं.
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