शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना जारी है और शुरुआती रुझानों में मुकाबला टक्कर का दिख रहा है। अब तक के रुझानों में भाजपा 34 सीटों पर आगे चल रही है, तो वहीं कांग्रेस ने 30 सीटों पर बढ़त ले रखी है। बता दें कि, 68 सीटों वाली हिमाचल विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 35 है और मुकाबला कांटे का होने की स्थिति में जोड़-तोड़ की सियासत शुरू हो सकती है। ऐसे में कांग्रेस ने अपने रणनीतिकारों को सक्रीय कर दिया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व CM भूपिंदर सिंह हुड्डा को क्राइसिस मैनेजमेंट के लिए लगाया गया है।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के विधायकों को चंडीगढ़ या कहीं और किसी होटल में रखा जा सकता है। कांग्रेस को भय है कि दो या तीन सीटों का ही अंतर रहने पर भाजपा उसके विधायकों को तोड़ने का प्रयास कर सकती है। केंद्र में सत्ता में होने के कारण भाजपा से MLA प्रभावित हो सकते हैं। इसके साथ ही प्रतिभा सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू में सीएम पद को लेकर भी खींचतान की स्थिति है। ऐसे में भाजपा इसका लाभ उठाते हुए कुछ विधायकों को मंत्रिमंडल में लेने का लालच देकर तोड़ सकती है। यही कारण है कि कांग्रेस नतीजों से पहले ही सहमी हुई है और विधायकों को बचाने की योजना तैयार कर रही है।
कांग्रेस की खींचतान को इस बात से भी समझा जा सकता है कि प्रतिभा सिंह ने पहले ही मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोक दिया है। वह पार्टी की प्रदेश इकाई की प्रमुख हैं और 6 बार राज्य के सीएम रहे वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं। वीरभद्र का राज्य में बड़ा जनाधार रहा है। ऐसे में उनके विरासत के नाम पर भी प्रतिभा भी दावा कर कर रही हैं। बता दें कि हिमाचल विधानसभा की 68 सीटों में से 44 सीटों पर भाजपा ने 2017 में जीत दर्ज की थी। इस बार भी भाजपा ने जीत का दावा किया है और सत्ता बदलने के रिवाज को खत्म करने की बात कही है। वहीं कांग्रेस ने कहा है कि राज बदलने की परंपरा जारी रहेगी।
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