शिमला: हिमाचल प्रदेश के ऊना में राज्य सरकार ने दो नए गेहूं के ग्रेडिंग केंद्र बनाएगी. ऊना में तत्कालीन वक़्त में दो गेहूं के ग्रेडिंग केंद्र चल रहे हैं. जिनसे तत्कालीन वक़्त में शहर के किसानों ने 12,500 क्विंटल गेहूं की फसल को विक्रय कर 4 करोड़ रुपये की कमाई 2500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से की है. दो अन्य ग्रेडिंग केंद्रों के बनने से छोटे से लेकर बड़े किसानों को तरफ ज्यादा मुनाफा प्राप्त हो पाएगा.
जिससे की शहर समेत राज्य के किसानों की आर्थिकी में भी सुधार हो पाएगा. एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 40 से 50 हजार क्विंटल गेहूं के बीज की खपत होती है. ऊना शहर में इस साल 12,500 हजार क्विंटल बीज इकट्ठा किया गया था. इसे राज्य के शिमला, चंबा, कुल्लू, हमीरपुर, मंडी, बिलासपुर तथा हमीरपुर को भेजा जाता है. बचे हुए बीज अन्य प्रदेशो से मंगवाया जाता है. जिसमें उत्तराखंड, राज्यस्थान, दिल्ली एवं पंजाब समेत अन्य प्रदेश सम्मिलित हैं.
वही इसके लिए राज्य सरकार का करोड़ों रुपये खर्च होता है, किन्तु इन दो ग्रेडिंग केंद्रों के बनने से सरकार के करोड़ों रुपयों की बचत होगी, तथा किसानों को इसका मुनाफा प्राप्त होगा. केंद्रों के निर्माण के लिए 1.20 करोड़ रुपये की रकम जारी कर दी है. डिप्टी डायरेक्टर ऑफ़ एग्रीकल्चर डॉ.अतुल डोगरा ने कहा कि शहर में दोनों ग्रेडिंग केंद्र का कार्य आरम्भ कर दिया है, जो टकारला के धंधडी दफ्तर में तथा पेखूबेला कृषि फार्म में पुराने ग्रेडिंग केंद्रों के साथ बनाए जा रहे हैं. जिसे 300 वर्ग जमीन में एक तैयार किया जाएगा. जो पहले वालों से बेहद विशाल होंगे. इसी के साथ किसानो को बहुत लाभ मिलेगा.
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