नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र में राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयानों पर बवाल मचा हुआ है। जिसके बाद भाजपा भी उनपर हमलावर है। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने राहुल पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है कि, 'श्रीमान राहुल गांधी, जो असम के नेताओं की उपस्थिति में कुत्तों को बिस्कुट खिलाना पसंद करते हैं और फिर उन्हें वही बिस्कुट देते हैं, उन्हें राजनीतिक शालीनता के बारे में बात करने वाले अंतिम व्यक्ति होने चाहिए। आलाकमान की मानसिकता कांग्रेस की है, बाकी कुछ नहीं। इसे भारत की जनता अच्छी तरह जानती है।'
Mr. Rahul Gandhi, those who prefer to feed biscuits to dogs in the presence of leaders from Assam and then offer them the same biscuits should be the last people to talk about political decency.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) February 2, 2022
High command mindset is INC’s be all and end all. The people of India know it well.
हिमंता सरमा ने पहले भी सुनाया था किस्सा:-
दरअसल, असम के नए सीएम हिमंत बिस्वा सरमा एक ज़माने में कांग्रेस के सिपहसालार थे, किन्तु 2015 में उनके भाजपा में शामिल होने के साथ ही पूरे उत्तर-पूर्व की सियासी तस्वीर बदल गई और वहां के सभी राज्यों से कांग्रेस साफ़ हो गई। कुछ दिनों पहले असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने एक किस्सा साझा किया था कि कैसे उनका कांग्रेस से मोहभंग हुआ। सीएम सरमा ने बताया कि, उस दौरान असम के आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने को लेकर मंथन हो रहा था। उन्होंने बताया कि इस पूरी बातचीत के दौरान राहुल गाँधी बैठक में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे और अपने कुत्ते पीडी के साथ खेल रहे थे। हिमंत बिस्वा सरमा ने आगे कहा कि, “बैठक के दौरान वहाँ मौजूद नेताओं के लिए चाय-कॉफी लाई गई। राहुल गाँधी के कुत्ते पीडी ने टेबल के पास जाकर वहां रखी प्लेट से एक बिस्किट निकाल लिया और खाने लगा। फिर राहुल गाँधी मेरी ओर देख कर मुस्कुराने लगे। मैं ये सोच रहा था कि वो भला मुझे देख कर क्यों ऐसा कर रहे हैं?” दरअसल, हिमंत अपने हाथ में चाय का कप लेकर इस बात की प्रतीक्षा कर रहे थे कि राहुल गाँधी कब कुत्ते द्वारा जूठी की गई उस प्लेट के बदले दूसरी प्लेट मँगवाएँगे। उन्होंने 5 मिनट तक प्रतीक्षा की, मगर फिर देखा कि पूर्व सीएम तरुण गोगोई और सीपी जोशी जैसे दिग्गज नेता उसी प्लेट से बिस्किट उठा कर खा रहे हैं।
सरमा ने कहा कि वो हमेशा राहुल गाँधी से मिलने के लिए तो नहीं जाते थे, मगर उस दिन उन्हें एहसास हुआ कि ये सब कुछ उनके लिए सामान्य है। उन्हें ऐसा लगा कि राहुल गाँधी की सभी बैठकों में ऐसा ही होता होगा। उन्होंने कहा कि, “उसी दिन मुझे महसूस कि अब बहुत हुआ, अब मैं इस व्यक्ति के साथ नहीं रह सकता। किन्तु, मैं उनका धन्यवाद भी करता हूँ। मैं आज इस पद पर हूँ, तो इसका श्रेय उस बैठक को भी जाता है और इस तथ्य को भी कि राहुल गाँधी को मेरा कांग्रेस में होना पसंद ही नहीं था।” बता दें कि सरमा ने 22 वर्षों तक कांग्रेस के लिए काम किया था।
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