नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना आरसीएस के तहत अपने हिंडन एयरबेस का असैन्य उड़ानों के इस्तेमाल किये जाने पर सहमत हो गयी हैं. नगर विमानन सचिव आरएन चौबे ने इसकी जानकारी दी हैं. उन्होंने बताया कि इस कदम का फायदा देश की राजधानी दिल्ली के हवाई अड्डे को मिलेगा इससे दिल्ली एयरपोर्ट का दबाव कम होगा.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हिंडन को दूसरे हवाई अड्डे के रूप में चलाने से इंदिरा गाँधी हवाई अड्डे का बोझ भी कम होगा. और इंदिरा गाँधी हवाई अड्डे पर उड़ानों के लिए स्लॉट जगहों की कमी भी दूर होगी.
दिल्ली के बहारी इलाके में स्थित हिंडन एयरबेस से असैन्य विमानों का परिचालन अक्टूबर माह के अंतिम रविवार से शुरु होने की संभावना जताई जा रही हैं. उन्होंने यह भी बताया कि स्लॉट की कमी के कारण मुंबई का छत्रपति अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा आरसीएस की बोली के दूसरे दौर में उपलब्ध नहीं हो सकेगा. वही चौबे ने कहा आरसीएस की बोली के दूसरे दौर में हमें दिल्ली हवाई अड्डा के स्लॉट की अच्छी मांग आने की उम्मीद हैं.
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