इस्लामाबाद: पाकिस्तान में रहने वाली हिन्दुओं के लिए दाह संस्कार महंगा हो गया हैं. हिन्दुओं मान्यताओं के अनुसार सनातन धर्म में शरीर त्यागने के बाद दाह को जलाने का रिवाज हैं परन्तु पाकिस्तान में कई हिन्दू शवों को दफना रहे हैं, वहीं कई लोग अस्थियां प्रवाहित करने के लिए इंतजार कर रहे हैं.
आखिर ऐसा क्यों हो रहा है ?
दरअसल बीते साल पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया गया उसके पश्चात् भारत-पाकिस्तान के बीच एक पुल का काम करती समझौता एक्सप्रेस व सद्भावना बस रुक गई हैं.
पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं को अपने मृतक परिजनों की अस्थियां हरिद्वार में गंगा नदी में प्रवाहित करने के लिए परेशानियां झेलनी पड़ रही है.पाकिस्तान के हजारों मृत हिंदुओं ने अस्थियों को कराची सहित पूरे सिंध के विभिन्न मंदिरों में रखा हुआ है.पाकिस्तानी हिंदू इन अस्थियों को भारत ले जाने इंतज़ार कर रहे हैं. यदि बात की जाये पाकिस्तान पंजाब के जिला रहीम यार खान के पूर्व हिंदू सांसद कांजी राम चावला ने भेजे एक संदेश में बताया हैं कि बड़ी संख्या में पाकिस्तानी हिंदुओं को उनके धार्मिक परंपराओं व मर्यादाओं के अनुसार अपने प्रियजनों की अस्थियां गंगा नदी में प्रवाहित करने का इंतजार कर रहे हैं और पाकिस्तानी हिंदू समझौता एक्सप्रेस से दिल्ली तक आते है और वहां से रेलगाड़ी से हरिद्वार जाती है फिर अपने प्रियजनों की अस्थियां गंगा में प्रवाहित करते थे. यदि बात की जाये तो पाकिस्तान में हिन्दू धर्म के मुताबिक अंतिम संस्कार बहुत ही ज्यादा महंगा हो गया है. जिसमें करीबन 20 से 25 हजार तक का खर्च आ रहा है.
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार अस्थियो को गंगा में बहाने का रिवाज है. लेकिन अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने के लिए पाकिस्तानी हिन्दुओं को कई दिनों तक वीजा का इंतजार करना पड़ता है और अस्थियो को विसर्जित करने के लिए इस्लामाबाद के चक्कर काटने पडते है फिर हरिद्वार तक ले जाने का खर्च आदि वहां करना बहुत ही मुश्किल का कार्य है. जिसके रहते पाकिस्तान के हिन्दुओ ने सनातन धर्म के विरुद्ध जा कर शवों को दफनाना शुरू कर दिया है. यदि आकड़ो की बात की जाये तो वर्तमान में पाकिस्तान में पांच मिलियन से अधिक पंजीकृत हिंदू हैं. पाकिस्तान में आर्थिक तंगी के चलते हिंदुओं को अंतिम संस्कार के जगह दफनाने के लिए मजबूर हो रही है. पाकिस्तान में हिन्दुओ के लिए पिंड दान का स्थान निर्धारित है, परन्तु पाकिस्तानी हिंदू वहां पर अस्थियां प्रवाहित नहीं करते है. पाकिस्तान को इस बारे में जरूर ध्यान देना चाहिए ताकि इस हिन्दुओ के सनातन धर्म को आहात न पहुंचे और हिन्दुओ की इस समस्या का समाधान किया जा सके.
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