देहरादून: इस्लामी धर्मांतरण की साजिशों को चर्चाओं में लाने वाली फिल्म द केरल स्टोरी (The Kerala Story) के बाद कई पीड़िताओं ने खुद सामने आकर बताया है कि किस तरह से ‘मुस्लिम दोस्त’ ने उनका ब्रेन वाॅश किया था। इसी बीच उत्तराखंड से सबका ध्यान खींचने वाला एक मामला सामने आया है। यहाँ एक हिन्दू युवती ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय से पिरान कलियर दरगाह (Piran Kaliyar Dargah) में नमाज पढ़ने की अनुमति मांगी है, साथ ही सुरक्षा देने की भी मांग की थी। उच्च न्यायालय ने इसकी अनुमति देते हुए हरिद्वार पुलिस को उसकी सुरक्षा के लिए आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले की सुनवाई गुरुवार (11 मई) को की गई।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिरान कलियर दरगाह में नमाज पढ़ने की मांग को लेकर याचिका दाखिल करने वाली 22 साल की भावना मूल रूप से मध्य प्रदेश के नीमच जिले की निवासी है। जिसका हरिद्वार का 35 वर्षीय फरमान नामक एक युवक दोस्त है। दोनों ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी। इस याचिका पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की पीठ ने सुनवाई की।
सुनवाई के दौरान जजों ने लड़की से पूछा कि जब उसने धर्मान्तरण नहीं किया है और वो हिन्दू है, तो वह नमाज क्यों पढ़ना चाहती है? इस पर लड़की ने जवाब दिया, 'क्योंकि वह दरगाह से प्रभावित है और वहां नमाज पढ़ना चाहती है।' लड़की ने अदालत से यह भी कहा है कि दोनों ने न तो विवाह किया है और न ही वह धर्म बदलना चाहती है। वह हिंदू धर्म की अनुयायी है और बिना किसी डर या दबाव के कलियर दरगाह में इबादत करना चाहती है।
इसके बाद अदालत ने लड़की और उसके मित्र फरमान को दरगाह में नमाज पढ़ने की अनुमति दे दी। साथ ही अदालत ने हरिद्वार पुलिस को उनकी सुरक्षा का इंतज़ाम करने के निर्देश भी दिए। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि नमाज पढ़ने जाने से पहले लड़की को एक पत्र लिखकर संबंधित थाने के SHO को सूचित करना होगा, ताकि वह सुरक्षा मुहैया करा सकें। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 22 मई को मुकर्रर की है।
दरअसल, अपनी याचिका में भावना ने हिंदूवादी संगठनों से खुद को और अपने परिवार को खतरा बताते हुए हरिद्वार के कलेक्टर और SSP को निर्देशित कर सुरक्षा मुहैया कराने की माँग की थी। बता दें कि भावना और फरमान, दोनों हरिद्वार की एक फार्मा कंपनी में साथ-साथ जॉब करते हैं।