इस्लामाबाद: पाकिस्तान की 15 साल की नाबालिग हिंदू लड़की ने स्थानीय कोर्ट में कहा कि मैं इस्लाम स्वीकार नहीं करना चाहती है। उसने बताया है कि मेरी जिस मुस्लिम शख्स से अली रजा मिर्ची के साथ निकाह हुआ है, उसके साथ भी नहीं रहना। उसने गुहार लगाई कि उसे उसके मां-बाप के पास पहुंचा दिया जाए। महक के वकील नारायणदास कपूर ने अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से फोन पर जानकारी दी है कि अदालत के बाहर और भीतर मौलवियों की भारी संख्या में उपस्थिति को देखते हुए जज ने बंद कमरे के भीतर मामले की सुनवाई की।
इससे पहले 21 जनवरी को महक ने कोर्ट में माना था कि उसने अपनी मर्जी से इस्लाम स्वीकार किया है और अली रजा से अपनी मर्जी से निकाह किया है। हालांकि अब वह अपने बयान से पलट गई है और अदालत से कहा है कि उसने गलती से यह बयान दिया था। बता दें कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत स्थित जैकबाबाद से 15 जनवरी को महक को अगवा कर लिया गया था। आरोप है कि जबरदस्ती उसका निकाह अली रजा के साथ करवा दिया गया।
इसको मामले को लेकर सिंध में हिंदुओं ने भारी विरोध प्रदर्शन किया था। कई उदारवादी मुस्लिम संगठनों ने भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। वकील ने बताया है कि 21 जनवरी को महक ने भारी दबाव और धमकियों के डर से अदालत के समक्ष गलत बयान दिया था। अदालत के आदेश पर महक की आयु पता की गई तो वह सिर्फ 15 वर्ष 8 महीने की निकली।
Credit:- Navbharat Times
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