लखनऊ : हिंदू महासभा के कथित कार्यकारी अध्यक्ष कमलेश तिवारी एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने कमलेश तिवारी द्वारा कुछ समय पूर्व दिए गए विवादित बयान से दूरी बना ली है। इस दौरान कमलेश तिवारी के बारे में यह भी कहा गया कि वे दशकों पुराने कार्यकर्ता हैं लेकिन उनके पास किसी तरह का कोई पद नहीं है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा के सदस्य कमलेश तिवारी ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर कथिततौर पर टिप्पणी की थी।
जिसे लेकर देशभर में मुस्लिम आक्रोशित हो उठे। इस तरह की टिप्पणी पर बिजनौर में जमीयत शाबाबुल इस्लाम के जनरल सेक्रेटरी मौलाना अनवरूल हक द्वारा तिवारी के सिर पर 51 लाख रूपए का पुरस्कार रखा गया। दूसरी ओर हिंदू महासभा के नेशनल जनरल सेक्रेटरी मुन्ना कुमार शर्मा द्वारा एक बयान भी ट्विटर पर लिखा गया जिसमें कहा गया कि पैगंबर मोहम्मद के बारे में किसी तरह की टिप्पणी करना सही नहीं है।
मुस्लिमों ने लुधियाना, इंदौर, बेंगलुरू, लखनऊ, भोपाल, उत्तरप्रदेश सहित विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन कर कमलेश तिवारी का विरोध किया था और उसे फांसी देने की मांग तक की थी। अखिल भारतीय हिंदू महासभा तिवारी के विचारों से एकमत नहीं है। हो सकता है ये तिवारी के निजी विचार हों। हिंदू महासभा के पदाधिकारी मुन्ना शर्मा ने कहा कि हिंदू महासभा सभी धर्मों व उनके गुरूओं का सम्मान करती है। अखंड हिंदू राष्ट्र, हिंदी, हिंदुस्तान के लिए वे प्रतिबद्ध हैं। वे सभी समुदायों की प्रगति के समर्थक बताए जा रहे हैं।