इस्लामाबाद। पाकिस्तान की सीनेट ने हिंदू मैरिज बिल पारित कर दिया। इस बिल के पारित होने के बाद यहां रहने वाले हिंदूओं को विवाह का रजिस्ट्रेशन करवाने और अन्य सुविधाऐं मिली हैं। दरअसल इस विधेयक में हिंदूओं के विवाह के लिए वधू और वर की आयु तय की गई है। मिली जानकारी के अनुसार कानून मंत्री जाहिद हमीद ने बिल सीनेट के सामने रखते हुए कहा कि आखिर इसे लेकर किसी ने भी विरोध दर्ज नहीं करवाया जिसके चलते यह बिल पारित हो गया।
मिली जानकारी के अनुसार नेशनल असेंबली में लगभग 4 माह पूर्व इस बिल को पारित कर दिया। ऐसे में सीनेट को स्वीकृति मिलने के बाद इसे लेकर कानून अस्तित्व में लाया जाएगा। पाकिस्तान के पंजाब, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा राज्य में अल्पसंख्यक हिंदुओं के लिए विवाह का रजिस्ट्रेशन करवाने का अधिकार दिया जाएगा। सिंध प्रांत में हिंदूओं को विवाह पंजीयन का अधिकार दिया गया है। पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्टस ने कहा कि विधेयक में हिंदुओं के विवाह, परिवार, मां और बच्चे को सुरक्षा दिए जाने की बात कही गई है।
विधेयक में हिंदुओं के विवाह के लिए लड़के और लड़की की न्यूनतम आयु 18 वर्ष तय कर दी गई है। हिंदु बिल में कहा गया है कि विवाहित दंपति में से एक यदि धर्म परिवर्तन करता है तो फिर अन्य साथी को न्यायालय में तलाक का आवेदन देना होगा। बिल में प्रावधान है कि जो हिंदु तलाकशुदा हों उन्हें फिर से विवाह करने की अनुमति मिलेगी। बिल में यह बात शामिल की गई है कि यदि हिंदुओं में से किसी का विवाह टूट जाता है तो फिर वे न्यायालय में अपील भी कर पाऐंगे।
हिंदूओं के हित में इस बिल को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पाकिस्तान में रहने वाले हिंदूओं को मिलेगी सुविधा, अब करवा सकेंगे विवाह का रजिस्ट्रेशन इस्लामाबाद। पाकिस्तान की सीनेट ने हिंदू मैरिज बिल पारित कर दिया। इस बिल के पारित होने के बाद यहां रहने वाले हिंदूओं को विवाह का रजिस्ट्रेशन करवाने और अन्य सुविधाऐं मिली हैं। दरअसल इस विधेयक में हिंदूओं के विवाह के लिए वधू और वर की आयु तय की गई है।
मिली जानकारी के अनुसार कानून मंत्री जाहिद हमीद ने बिल सीनेट के सामने रखते हुए कहा कि आखिर इसे लेकर किसी ने भी विरोध दर्ज नहीं करवाया जिसके चलते यह बिल पारित हो गया। मिली जानकारी के अनुसार नेशनल असेंबली में लगभग 4 माह पूर्व इस बिल को पारित कर दिया। ऐसे में सीनेट को स्वीकृति मिलने के बाद इसे लेकर कानून अस्तित्व में लाया जाएगा। पाकिस्तान के पंजाब, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा राज्य में अल्पसंख्यक हिंदुओं के लिए विवाह का रजिस्ट्रेशन करवाने का अधिकार दिया जाएगा। सिंध प्रांत में हिंदूओं को विवाह पंजीयन का अधिकार दिया गया है।
पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्टस ने कहा कि विधेयक में हिंदुओं के विवाह, परिवार, मां और बच्चे को सुरक्षा दिए जाने की बात कही गई है। विधेयक में हिंदुओं के विवाह के लिए लड़के और लड़की की न्यूनतम आयु 18 वर्ष तय कर दी गई है। हिंदु बिल में कहा गया है कि विवाहित दंपति में से एक यदि धर्म परिवर्तन करता है तो फिर अन्य साथी को न्यायालय में तलाक का आवेदन देना होगा। बिल में प्रावधान है कि जो हिंदु तलाकशुदा हों उन्हें फिर से विवाह करने की अनुमति मिलेगी। बिल में यह बात शामिल की गई है कि यदि हिंदुओं में से किसी का विवाह टूट जाता है तो फिर वे न्यायालय में अपील भी कर पाऐंगे। हिंदूओं के हित में इस बिल को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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