लखनऊ: हिंदू धर्म पर समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बिगड़े बोल जारी हैं। वैसे वो अकेले नहीं हैं, कई नेता अलग-अलग तरह से हिन्दू धर्म को निशाना बनाते रहे हैं, लेकिन वो थोड़ी सी सावधानी बरतते हैं, कानूनी पचड़े से बचने का थोड़ा रास्ता रखते हैं। थोड़ा पीछे जाएं तो आप पाएंगे कि, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के हिन्दू-हिंदुत्व वाले बयान से यह सबकुछ शुरू हुआ है। जब राहुल ने कहा था कि, इन हिन्दुत्ववादियों को देश से बाहर निकालना है। शायद राहुल जानते हों, या नहीं, लेकिन जैसे माता में मातृत्व होता है, पुरुष में पुरुषत्व, वैसे ही हिन्दू में हिंदुत्व। जैसे गौतम बुद्ध जिस अवस्था को प्राप्त हुए थे, उसे 'बुद्धत्व' कहा जाता है। लेकिन राहुल शायद सीधे हिन्दुओं को बाहर निकालना है, नहीं कह सकते थे। इसके बाद हिन्दू, हिंदुत्व, सनातन धर्म को लेकर कई तरह की बयानबाज़ी हुई। हाल ही में कांग्रेस की सहयोगी DMK के नेता उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को पूरी तरह खत्म करने की मांग की है, कुछ कांग्रेस नेताओं ने भी इसका समर्थन किया। विवाद बढ़ा तो उदयनिधि ने भी कह दिया कि, मैंने सनातन बोला है, हिन्दू नहीं। क्या यह कोशिश है कि, अब लोग, सनातन और हिन्दू में विभाजित हो जाएं ?
"Hindu is a Farsi word which means Chor & Neech - SP leader swami Maurya"
— Mr Sinha (@MrSinha_) September 20, 2023
-Kishan was kiIIed just for saying Krishna is greater than others
-Kamlesh Tiwari was kiIIed for saying less offensive words
This moron is lucky that Hindus aren't as intolerant as they're projected. pic.twitter.com/aDrQCZS6Rn
वहीं, अखिलेश यादव की पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या इन सबसे आगे हैं, वे सीधे रामचरितमानस, हिन्दू धर्म और देवी-देवताओं को ही टारगेट करते हैं। क्योंकि उन्हें पता है कि, हिन्दुओं में 'सर तन से जुदा' जैसा कोई सिद्धांत नहीं है। अब उन्होंने दावा किया है कि फ़ारसी में 'हिंदू' शब्द का अर्थ 'चोर' और 'घृणित' होता है। मौर्य 19 सितंबर को हरदोई जिले के गांधी भवन में "संविधान एवं आरक्षण संरक्षण सेना" के तहत एक कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे। यहाँ उन्होंने सीधे विश्व के सबसे प्रचीन धर्मों में से एक हिन्दू धर्म को निशाना बनाते हुए कहा कि, 'हिंदू धर्म एक धर्म कैसे हो सकता है? हिंदू शब्द की उत्पत्ति फ़ारसी भाषा में हुई है, जिसका अर्थ चोर, नीच और नीच होता है।' हालाँकि, हैरान करने वाली बात ये भी है कि, अखिलेश यादव यह सब लगातार सुन रहे हैं और कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे। यदि मौर्य ने किसी दूसरे धर्म के लिए इस तरह की टिप्पणियां की होती, तो क्या अखिलेश यादव की यही चुप्पी होती ? क्योंकि, सपा, कांग्रेस और DMK तीनों ही पार्टी विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A.में शामिल हैं, और उनके नेता लगातार हिन्दू, सनातन धर्म पर जहरीले बयान दे रहे हैं। क्या ये 2024 लोकसभा चुनाव में हिन्दु समुदय को विभाजित कर उनके वोट पाने का राजीतिक तरीका है या फिर हिन्दू धर्म के प्रति उनके मन में नफरत पहले से ही थी, बस अब बाहर निकल रही है ?
बहरहाल, स्वामी प्रसाद ने आगे कहा कि भारत कभी भी हिंदू राष्ट्र नहीं था; यह हिंदू राष्ट्र नहीं है और न ही कभी हिंदू राष्ट्र हो सकता है। मौर्य ने कहा कि, 'जो लोग हिंदू राष्ट्र की मांग करते हैं, वे संविधान विरोधी हैं। वे लोकतंत्र विरोधी हैं. वे आदिवासी विरोधी, दलित विरोधी और पिछड़ा विरोधी हैं। उनसे दूर रहें। हमने अपना संविधान प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक काम किया है।' स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने संबोधन के दौरान उन्होंने ब्राह्मणों पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि, 'ब्राह्मण कहते हैं कि वे ब्रह्मा के मुख से पैदा हुए हैं। वे यह नहीं मानते कि उनका जन्म उनकी माँ के गर्भ से हुआ है। क्या आपने कभी किसी को मुंह से पैदा होते देखा है? क्या आपने कभी क्षत्रियों को एक बांह से और वैश्यों को एक पैर से पैदा होते देखा है? बच्चों के जन्म का एक तरीका होता है और यह प्रक्रिया हर देश में एक जैसी ही होती है। इन लोगों ने अपने नियम खुद बनाये हैं।'
मौर्य ने आगे पीएम मोदी को आड़े हाथों लिया और उन पर चंद्रयान-3 लैंडिंग और G20 शिखर सम्मेलन की सफलता का श्रेय लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया। मौर्य ने कहा कि, 'पीएम जानते हैं कि वह 2024 में वापस नहीं आएंगे; इसीलिए उन्होंने (श्रेय लेने के लिए) एक विशेष सत्र बुलाया।' उन्होंने आगे चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट का नाम "शिव शक्ति" रखने पर सवाल उठाया और कहा कि इसका नाम एक वैज्ञानिक के नाम पर रखा जाना चाहिए था।
स्वामी प्रसाद मौर्य और उनके विवादित बयानों का इतिहास
बता दें कि, इससे पहले, जनवरी 2023 में, मौर्य ने दावा किया था कि रामचरितमानस के कुछ हिस्से जाति के आधार पर समाज के एक बड़े वर्ग का “अपमान” करते हैं। उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस "सब बकवास" है और इसे "प्रतिबंधित" किया जाना चाहिए। 22 जनवरी को एक न्यूज चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 17वीं सदी में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरितमानस सामाजिक भेदभाव को बढ़ावा देती है और नफरत फैलाती है। तुलसीदास ने इसे अपने आनंद के लिए लिखा था।
हिन्दू शब्द का अर्थ और ग्रंथों में जिक्र:-
बता दें कि, हिन्दू शब्द का सबसे प्राचीनतम विदेशी उल्लेख ईसा पूर्व 6th शताब्दी के डेरिअस – 1 के शिलालेख में मिलता है। जहा पर उन्होंने ने हिन्दू शब्द को सिंधु नदी के देश के लिए इस्तेमाल किया है। वहीं, पंजाब के ‘ सप्त सिंधु ‘ प्रदेश को पारसियों के प्राचीन ग्रन्थ जेंद अवेस्ता में ‘ हप्त हिन्दू ‘ कहा गया है। इससे जाहिर होता है कि ‘ हिन्दू ‘ शब्द वेद के संस्कृत शब्द ‘सिंधु‘ से ही निकला है। वेद में ‘सिंधु‘ शब्द बहुत बार नदी या अधिक मात्रा की जलराशि के लिये इस्तेमाल किया गया है। इसलिए ‘ हिन्दू ‘ शब्द का विदेशी होने का तो सवाल ही नहीं उठता और यह भी जाहिर है कि, ‘हिन्दू‘ शब्द उस वक़्त ‘भौगोलिक प्रदेश‘ के रूप में उपयोग किया जाता था। न कि चोर, डाकू, नीच जैसे विशेषण के तौर पर।
यह भी गौर करें कि, ‘हिन्दू‘ शब्द इस्लाम (सन 700) आदि से भी बहुत पुराना है। इसलिए इस्लाम की परिभाषा के आधार पर हिन्दू शब्द का अर्थ निकालना निरि मुर्खता ही है। बाद में जब इस्लाम ने फारस (पर्शिया जिसे ईरान बना दिया गया) आदि पर कब्ज़ा कर लिया और भारत पर भी हमले और कब्जे आदि किए, इसके बाद आक्रांताओं ने काफिरों यानी गैर-मुस्लिमों को नीचा दिखाने के लिए अपने हिसाब से अर्थ गढ़ दिए, उन्ही अर्थों को स्वामी प्रसाद गले लगाए घूम रहे हैं।
जबकि भारत के प्राचीन धर्म ग्रंथों में हिन्दू शब्द का स्पष्ट उल्लेख है :-
बृहस्पति आगम, एक श्रद्धेय पाठ में, यह कहा गया है:-
(हिमालयमः समारभ्य यावत् इन्दु सरोवरं तं देवनिर्मितं देसं हिंदुस्थानं प्रकाक्सते)
अर्थ:- "हिमालय पर्वत से शुरू होकर हिंद महासागर तक फैला हुआ, भगवान द्वारा बनाया गया देश हिंदू कहलाता है।"
एक अन्य संदर्भ मेरु तंत्र, एक शैव आगम से आता है, जहां परमशिव पराशक्ति से बात करते हैं:-
अर्थ:- ''जो अज्ञानता और हीनता का त्याग करे उसे हिन्दू कहते हैं।'' यही बात कल्पद्रुम में भी वर्णित है। माधव दिग्विजय और परिजात हरण में भी हिन्दू शब्द का वर्णन मिलता है।
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