लखनऊ: काशी और मथुरा के बाद अब एक लखनऊ की टीले वाली मस्जिद पर हिन्दू पक्ष ने अपना दावा किया है। हिन्दू पक्ष ने लखनऊ जिला कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए मस्जिद का सर्वे कराने के लिए कमीशन गठित किए जाने की माँग की है। इस पर जिला अदालत ने याचिकाकर्ताओं को लोअर कोर्ट में जाने के लिए कहा है, क्योंकि असली मामला साल 2013 में वहीं दाखिल किया गया था।
हिन्दू पक्ष का दावा है कि विवादित मस्जिद परिसर में स्थित शेषनाग टीलेश्वर समेत अन्य देवताओं को समर्पित मंदिर को तोड़ा जा रहा है, ताकि वहाँ की धार्मिक स्थिति को बदला जा सके। वर्ष 2013 के विवाद में लोअर कोर्ट की कार्यवाही को जिला सत्र न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दाखिल करते हुए चुनौती दी गई थी।। इसमें कहा गया गया है कि जिस जगह को टीले वाली मस्जिद कहा जाता है, वह जगह लक्ष्मण टीला है और इसलिए इसे हिन्दुओं को सौंप दिया जाना चाहिए। विवादित ज्ञानवापी परिसर और मथुरा के शाही ईदगाह विवादों में हिन्दू पक्ष की तरफ से जिरह कर रहे वकील हरिशंकर जैन का कहना है कि टीले वाली मस्जिद का पूरा परिसर शेषनाग टीलेश्वर महादेव का मंदिर है। मुगल आक्रान्ता औरंगजेब ने अपने शासनकाल के दौरान इसे तुड़वा दिया था।
अदालत में इस मामले की सुनवाई के दौरान हिन्दू पक्ष ने न्यायालय को बताया कि इस मामले में मेन सूट अभी भी निचली अदालत में पेंडिंग है। उन्होंने कोर्ट में कहा कि 28 मई को मौलाना एस शाह फजलुर्रहमान (विरोधी पक्ष) ने एक बयान दिया था कि उनकी अपील पर लखनऊ की सड़कें बंद की जा सकती हैं। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, ये सब शहर की कानून और व्यवस्था में बाधा डालने की कोशिश से अधिक कुछ भी नहीं है। मामले की कार्रवाई के दौरान शांति में खलल न पड़े इसे सुनिश्चित किया जाना चाहिए। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अपर जिला जज श्रीमती कल्पना ने लोअर कोर्ट में जाने के निर्देश दिए।
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