अजमेर: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार (1 जुलाई) को संसद में भगवान शिव, ईसा मसीह, गुरु नानक की तस्वीरें दिखाते हुए अभय मुद्रा का जिक्र किया था और भाजपा पर निशाना साधा था। वहीं, इस्लाम का प्रतिनिधित्व करने के लिए उन्होने दोनों हाथ उठाकर दुआ करने वाली एक तस्वीर दिखाई थी, क्योंकि इस्लाम में तस्वीर हराम मानी जाती है। यदि राहुल गांधी पैगंबर मोहम्मद या किसी नबी की सांकेतिक तस्वीर भी दिखाते तो हो सकता है, उनके खिलाफ सर तन से जुदा के नारे लग जाते। हालाँकि अब भी राहुल गांधी, इस्लामी विद्वानों के निशाने पर आ गए हैं। क्योंकि उन्होने इस्लाम धर्म में दोनों हाथों से दुआ करने को अभय मुद्रा बता दिया था।
इस्लाम में अभय मुद्रा हराम है !!
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP???????????????????????? (@ManojSh28986262) July 1, 2024
इस्लाम में अभय मुद्रा का कहीं कोई जिक्र नहीं है !!
संसद में राहुल गांधी ने इस्लाम के बारे में झूठ बोला कि इस्लाम में भी अभय मुद्रा है !!
: सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती, चेयरमैन, ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन कॉउन्सिल !! #viralvideo pic.twitter.com/gVbtDFY7dd
दरअसल, ऑल इंडिया सूफी सज्जादा नशीन काउंसिल के चेयरमैन और अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख के उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा है कि राहुल गांधी ने सदन में कहा कि इस्लाम में अभय मुद्रा है। लेकिन मैं राहुल गांधी को बताना चाहता हूं कि इस्लाम धर्म में मूर्ति पूजा नहीं होती है और न ही किसी तरह की मुद्रा है। बता दें कि 1 जुलाई को लोकसभा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिन्दुओं को हिंसक बताते हुए कहा था कि सभी धर्मों ने अहिंसा और निडरता की बात की है। भगवान शिव भी यही कहते हैं, लेकिन भाजपा लोगों को डराती है।
राहुल गांधी ने दावा किया था कि, शिव की तस्वीर में कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिह्न ‘अभय मुद्रा’ है। यह भी निडर रहने को कहता है। फिर राहुल ने कहा कि इस्लाम धर्म में दोनों हाथों से दुआ करने में भी ‘अभय मुद्रा’ ही है। बाकी, सब धर्मों पर बोलने तक तो राहुल गांधी ठीक थे, लेकिन इस्लाम का जिक्र आते ही ऑल इंडिया सूफी सज्जादा नशीन काउंसिल ने आपत्ति जता दी है। ऑल इंडिया सूफी सज्जादा नशीन काउंसिल के चेयरमैन सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा है कि संसद में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इस्लाम में ऐसा कुछ नहीं है, यहाँ मूर्ति पूजा नहीं होती है और न ही किसी तरह की मुद्रा होती है। इस्लाम में मुद्रा हराम है। राहुल गांधी को अपना बयान सही करना चाहिए। बता दें कि, मुस्लिम समुदाय कांग्रेस का मुख्य वोटर माना जाता है, इस चुनाव में भी कांग्रेस को एकमुश्त वोट इसी समुदाय से मिले हैं, उनका नाराज़ होना कांग्रेस के लिए चुनावों में समस्या बन सकता है।
बता दें कि, इससे पहले सदन में ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नेता विपक्ष राहुल गांधी के इस बयान पर उन्हें सलाह दे चुके हैं। उन्होंने सदन में कहा था कि, राहुल गांधी से विनती है कि इस्लाम में अभय मुद्रा की बात, जो उन्होंने कही है उस पर पहले इस्लाम के विद्वानों से थोड़ी जानकारी ले लें। अमित शाह ने राहुल को याद दिलाते हुए कहा था कि, कांग्रेस को अभय की बात करने का कोई अधिकार नहीं है, इन्होंने इमरजेंसी के दौरान पूरे देश को भयभीत कर दिया था। इन्हे सदन में माफी मांगनी चाहिए।
राहुल गांधी ने सभी धर्मों के लोगों के चेहरों को संसद में लहराया
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) July 1, 2024
लेकिन एक विशेष धर्म वालों की तस्वीर दिखाने से डर गए
क्योंकि “सर तन से जुदा” से सबको डर लगता है
हिंसक कौन है ?
राहुल गांधी के डर ने ख़ुद ही साबित कर दिया
हिम्मत है तो दिखाओ उनके धर्म की भी फोटो जिनके वोटों के… pic.twitter.com/VnVAtQWSfG
वहीं, सदन में राहुल गांधी की हिन्दू हिंसक वाली टिप्पणी को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, उनका बयान बचकाना है। हिंदू भारत का मूल समाज है, भारत की आत्मा है। हिंदू कोई जाति या सांप्रदाय सूचक शब्द नहीं है। मत और पंथ से भिन्न भारत की मूल आत्मा है। राहुल गांधी ने हिंदुओं पर जो बयान दिया है वो सत्य से परे, भारत की मूल आत्मा को लहूलुहान करने वाला है। उन्हें देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।