अहमदाबाद: बिलकिस बानो के अपराधी जेल से रिहाई के पश्चात् अपने गांव में सामान्य जीवन जी रहे हैं। वही एक ने तो गांव ही में दिवाली के अवसर पर अपनी पटाखे की दुकान भी खोल ली है, जो बिलकिस बानो के पुराने घर के ठीक सामने है। बिलकिस बानो यहां अपने घर को छोड़ चुकी हैं तथा गांव से दूर डर के साए में जीवन गुजार रही हैं। राधेश्याम शाह, रेप तथा हत्या मामले में अपराधी थे तथा उम्रकैद की सजा काट रहे थे मगर 15 अगस्त को सभी अपराधियों के साथ उसे भी रिहा कर दिया गया, जो अब सामान्य जीवन जी रहा है।
बिलकिस के अपराधी गुजरात के दाहोद जिले में रंधिकपुर गांव में रहते हैं तथा कुछ का घर इसी गांव के आसपास है। प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार, गांव में 4000 से कम की आबादी रहती है। 11 अपराधियों में से एक गोविंद नाई ने कहा कि “हम निर्दोष हैं। क्या आपने एक चाचा और भतीजे को एक-दूसरे के सामने किसी के साथ दुष्कर्म करते देखा है? क्या यह हिंदू समुदाय में होता है? नहीं, हिंदू ऐसा नहीं करते हैं।” उम्रकैद की सजा काट रहे अपराधियों को भाजपा की राज्य और केंद्र सरकार ने समय से पहले रिहा कर दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार मामले के अपराधियों में कुछ ने पैरोल पर बाहर होने के बाद गवाहों को धमकाया भी था। हालांकि उन्हें उनके “अच्छे व्यवहार” के नाम पर रिहाई दी गई है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रिहाई से पहले अपराधियों ने 3 वर्ष पैरोल पर बाहर आए थे। एक महिला के बलात्कार के अपराधियों को पीएम नरेंद्र मोदी के लाल किले पर दिए उस भाषण के पश्चात् रिहा किया गया था, जिसमें उन्होंने “महिलाओं के सम्मान” का राग अलापा था। रिपोर्ट के अनुसार, गोविंद नाई ने 2017 में अपने पैरोल के चलते दो गवाहों को धमकाया था। उसने इस बारे में बातचीत करने से भी मना कर दिया। कहा जाता है कि बिलकिस बानो उस कांड के पश्चात् दोबारा गांव में नहीं लौटीं। उनका घर अब एक दुकान में परिवर्तित हो गया है, जिसे उन्होंने अपने परिवार को कपड़े बेचने वाली एक हिंदू महिला को किराए पर दिया है। बिलकिस बानो के घर के ठीक सामने एक बहुमंजिला घर है, जो रिपोर्ट में बताया गया है कि राधेश्याम का है, जो मामले में एक अपराधी है।
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