मनोरंजन जगत के जाने माने मशहूर गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ इन दिनों अपने अपने दिल-लुमिनाटी टूर 2024 के चलते सुर्ख़ियों में बने हुए है. उनका यह टूर कई कारणों से विवादों का कारण बना है, जिसमें कुछ विरोध प्रदर्शन और आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा है। दिलजीत का टूर भारत के विभिन्न शहरों में हो रहा है, और उनका प्रदर्शन भी जबरदस्त चर्चाओं का हिस्सा बना हुआ है। दिलजीत ने हाल ही में इंदौर में अपना अगला कॉन्सर्ट किया, जहां एक नया विवाद खड़ा हो गया।
इंदौर में उनके शो के खिलाफ बजरंग दल ने प्रदर्शन की धमकी दी थी, तत्पश्चात, यह मामला और बढ़ गया। बजरंग दल का आरोप था कि दिलजीत ने किसान आंदोलन के चलते भारत सरकार के खिलाफ बयान दिए थे, जिनमें उन्होंने कथित रूप से एंटी-नेशनल (देश विरोधी) कमेंट्स किए थे। बजरंग दल ने इन आरोपों को आधार बनाते हुए इंदौर पुलिस से मांग की थी कि दिलजीत का शो कैंसिल किया जाए। उनका यह भी कहना था कि दिलजीत खालिस्तान आंदोलन के समर्थक हैं तथा इस कारण उनके शो को इंदौर में अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
हालांकि, इन सभी विरोधों के बावजूद दिलजीत ने इंदौर में अपना शो किया। उन्होंने प्रदर्शनकारियों और आलोचकों के सामने स्पष्ट रूप से अपना रुख रखा। अपने शो के चलते, दिलजीत ने बिना किसी का नाम लिए अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया, जो उनके खिलाफ थे। प्रशंसकों का मानना है कि उनका यह जवाब खासकर बजरंग दल के विरोध को लेकर था।
दिलजीत ने इंदौर में अपने कॉन्सर्ट के चलते उर्दू कवि राहत इंदौरी की मशहूर ग़ज़ल प्रस्तुत की, जो इस समय के राजनीतिक माहौल से मेल खाती हुई दिक्घाई दी। ग़ज़ल के बोल थे: "किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है, अगर खिलाफ हैं, होने दो, जान थोड़ी है। ये सब धुआं है, आसमान थोड़ी है। सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में, किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है।" इस ग़ज़ल के जरिए उन्होंने न केवल अपनी आवाज उठाई, बल्कि यह भी बताया कि वह अपने विचारों और कला के माध्यम से किसी से डरने वाले नहीं हैं।
कॉन्सर्ट के चलते इंदौर की जनता ने भी दिलजीत का पूरा समर्थन किया। इंदौर की सड़कों पर लोग उनके गानों पर नाचते हुए दिखाई दिए। दिलजीत ने इंदौर में कुछ और खास पल भी गुजारे और उनके वीडियो भी शेयर किए। शो के बाद, उन्होंने महाकाल के मंदिर में माथा टेका और आशीर्वाद लिया। इसके बाद, उन्होंने इंदौर के मशहूर छप्पन नामक स्थान पर जाकर वहां का मशहूर पोहा खाया, जिसे खाने के बाद उन्होंने स्टेज पर 'जय महाकाल' के नारे भी लगाए।