इंदौर: COVID-19 के प्रकोप की वजह से एमपी में युद्ध की सदियों पुरानी परंपरा हिंगोट इस बार नहीं मनाई जाएगी। इतिहास में यह प्रथम बार है जब एडमिनिस्ट्रेशन ने COVID-19 संक्रमण की वजह से इसकी मंजूरी नहीं दी है। हिंगोट युद्ध दो समूहों द्वारा दीवाली के एक दिन पश्चात् मनाई जाती है। कलंगी तथा तुर्रा समूह के लोग गौतमपुरा के देपालपुर गांव में एक दूसरे पर बारूद से भरे हुए हिंगोट से फेंकते हैं।
As per govt order, events that gather large crowds can't be allowed due to COVID-19. Therefore, the Hingot war will not happen this year: Bajrang Bahadur, Tehsildar of Depalpur in Indore, Madhya Pradesh (14.11.2020) pic.twitter.com/mrmsUbakIk
— ANI (@ANI) November 14, 2020
हिंगोट युद्ध को एडमिनिस्ट्रेशन की मंजूरी नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस MLA विशाल पटेल ने बीजेपी पर हमला बला है। देपालपुर निर्वाचन क्षेत्र के कांग्रेस MLA पटेल ने कहा कि अफसरों ने COVID-19 संकट की वजह से इस वर्ष हिंगोट युद्ध का जश्न मनाने की मंजूरी नहीं दी, हालांकि चुनाव प्रचार में भव्य कार्यक्रम ऑर्गनाइस किए गए थे। उन्होंने बीजेपी पर लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का दोष लगाया तथा कहा कि अफसरों को पारंपरिक समारोह में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए तथा उन्हें शीघ्र से शीघ्र मंजूरी देनी चाहिए। चुनाव अभियानों में हजारों लोग रैलियों के लिए एकत्रित हुए थे। रैलियों तथा चुनाव प्रचार के लिए भी मंजूरी दी गई थी।
पटेल ने कहा कि उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान को लेटर लिखकर हिंगोट युद्ध की मंजूरी देने की मांग की थी, किन्तु कोई प्रतिक्रिया नहीं प्राप्त हुई। हिंगोट युद्ध दशकों से हो रहा है। इसमें ना कोई विजेता है तथा ना ही कोई हारने वाला। यहां सिर्फ परंपराओं को जीवित रखा जा रहा है। वहीं, गौतमपुरा तहसीलदार बजरंग बहादुर ने कहा कि COVID-19 संकट के मद्देनजर इस समारोह के आयोजन के लिए कोई मंजूरी नहीं दी गई है।
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