आखिरकार लम्बी क़ानूनी प्रक्रिया के बाद लोकसभा में तीन तलाक बिल पास हो गया. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज बिल पेश किया. हालांकि कांग्रेस ने इसका सीधा विरोध न करते हुए स्टैंडिंग कमिटी तक भेजने की बात कही. वही इसका पुरजोर विरोध कर रहे ओवैसी के तीनो प्रस्ताव खारिज कर दिए गए.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी तीन तलाक के मामले देश में रुक नहीं रहे थे वही मुस्लिम संगठनों ने कोर्ट को उनके निजी कानूनों में दखल न देने तक की हिदायत दे डाली थी. आज के बाद सभी मुस्लिम महिलाये सर उठा कर जी सकेगी और उनके अधिकारों और नारीत्व पर कोई भी कभी भी अपनी मन मर्जी नहीं कर सकेगी. लोकसभा में सभी सदस्यों ने बिल को ऐतिहासिक करार दिया.
आज के बाद कोई भी अपनी पत्नी को सिर्फ फोन पर या मुह जुबानी तीन बार तलाक कह कर उसकी जिन्दगी से खिलवाड़ नहीं कर पायेगा. सख्त सजाओ के प्रावधान के कारण बिल को मंजूरी मिलने में देर भी हुई, मगर अंत में बिल ध्वनि मतों से लोकसभा में पास हुआ. देश की मुस्लिम महिलाओ ने बिल का स्वागत किया है. वही कानूनविदो ने इसे क्रांति करार दिया.
तीन तलाक कानून गरिमा और सम्मान का रक्षक -रविशंकर प्रसाद
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