दुनियाभर में एड्स के मामले दिन पर दिन बढ़ते चले जा रहे हैं। वैसे इस बीमारी का अभी तक कोई निर्धारित इलाज नहीं है, हालांकि दवाओं के माध्यम से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। जी हाँ, आज भी एड्स के लाखों मरीज दवाओं के सहारे जीवन बीता रहे हैं। जी दरअसल एड्स की बीमारी एचआईवी वायरस से होती है और इसे ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस कहा जाता है। कहा जाता है ये वायरस शरीर के इम्यून सिस्टम पर हमला करता है और उसे कमजोर कर देता है। आपको बता दें कि एचआईवी वायरस का इलाज न होने से एडस की बीमारी बन जाता है। एचआईवी का पता चलने पर अगर सही समय पर दवाएं शुरू कि जाएं तो ये एड्स की बीमारी नहीं बनती है। जिससे जान का खतरा नहीं रहता है। हालाँकि समय पर इनकी पहचान और इलाज से एक आम जिंदगी बिता सकते हैं। आइए आपको बताते हैं।
यूरिन में ये परेशानी एड्स का है लक्षण- अगर किसी को एचआईवी हो गया है तो बार-बार यूरिन जाने की परेशानी भी हो सकती है। जी हाँ और अधिकतर मामलों में लोग इसे किडनी इंफेक्शन समझ लेते है, जबकि ये एचआईवी का लक्षण भी हो सकता है। जी हाँ और इस स्थिति में यूरिन पास करते समय दर्द होता है। यूरिन से ब्लड निकलता है। इसके अलावा रेक्टम के हिस्से में कभी-कभी तेज दर्द हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति को ये सब परेशानी महसूस हो रही है और लगातार ये लक्षण बने हुए हैं तो निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच करानी चाहिए। जी हाँ और इसके अलावा प्रोस्टेट ग्लैंड में सूजन, प्राइवेट पार्ट में कोई घाव होना भी एचआईवी का लक्षण हो सकता है।
जी दरअसल डॉक्टर बताते हैं कि किसी भी नजदीकी अस्पताल में एचआईवी की जांच आसानी से हो जाती है और इसके लिए एचआईवी केंद्र पर ब्लड सैंपल लिया जाता है। एक एंटीबॉडी टेस्ट किया जाता है। इसमें पॉजिटिव होने पर व्यक्ति को एचआईवी संक्रमित माना जाता है। इसी के साथ एक न्यूक्लिक एसिड टेस्ट भी किया जाता है। इसमें एचआईवी की पुष्टि होने पर तुरंत इलाज कराना चाहिए।
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