लखनऊ। बदलती जीवन शैली में शौकिया धूमपान का शुरू हुआ सिलसिला लत में तब्दील हो रहा है। स्थिति यह है कि यूपी की हर छठी महिला धूमपान कर रही है। यह पदार्फाश 15 वर्ष से अधिक वयस्कों पर हुए सर्वेक्षण से हुआ। होटल क्लार्क में ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (गेट्स) 2016-17 की फैक्ट शीट प्रस्तुत की गई। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह की मौजूदगी में पेश की गई सर्वेक्षण रिपोर्ट चौंकाने वाली निकली। मुंबई से आई कंसल्टेंट सुलभा परशुरामन ने कहा कि गेट्स-2 सर्वे की रिपोर्ट में 15 वर्ष से अधिक लोगों को शामिल किया गया था।
केंद्रीय परिवार कल्याण विभाग, डब्लूएचओ व टाटा इंस्टीट्यूट आॅफ सोशल साइंसेज मुंबई द्वारा मल्टी स्टेज सैंपल डिजाइन तैयार किया गया। इसमें देश भर से कुल 74,037 लोगों को व यूपी से 1,685 पुरुष व 1,779 महिलाओं को शामिल किया गया। इसमें पाया गया कि वर्ष 2009-10 में हुए सर्वे से धूमपान करने वालों की संख्या यूपी में बढ़ी है। इसमें तंबाकू जनित उत्पादों का प्रयोग करने वाले पुरुषों का औसत 52.1 फीसद रहा। वहीं महिलाओं का औसत 17.7 फीसद रहा। सुलभा ने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक हर छठी महिला तंबाकू का किसी न किसी फार्म में सेवन कर रही है। कई महिलाएं जहां मजदूरी करने वाली गुटखा, खैनी, बीड़ी का सेवन कर रही हैं। वहीं कई शौकिया सिगरेट व गुटखा शुरू करने के बाद लती हो गईं।
रिपोर्ट में कहा गया कि वर्ष 2009-10 में वयस्कों में जहां तंबाकू उत्पाद सेवन का औसत 33.9 था, वहीं 2016-17 में बढ़कर 35.5 फीसद हो गया। हालांकि इसमें धुआं वाले उत्पादों को औसत 14.9 फीसद से घटकर 13.5 फीसद रह गया, वहीं गुटखा, खैनी, पान-मसला का सेवन करने वाले वयस्क 25.3 फीसद से बढ़कर 29.4 फीसद हो गए। धूमपान उत्पादों के प्रचार-प्रसार में भी काफी वृद्धि हुई है। इसमें वर्ष 2009-10 में जहां उत्पादों के प्रचार का औसत 10.3 रहा, वहीं अब बढ़कर 16.3 हो गया।
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