हॉकी फाइव्स की लोकप्रियता बढऩे के साथ ही ऐसी आशंकाएं भी जताई जाने लगी है कि यह 11 खिलाडिय़ों वाले पारंपरिक प्रारूप में स्थान ले लेगा लेकिन इस खेल की वैश्विक संचालक FIH ने आश्वासन दिया कि वह खेल की पारंपरिक शैली पर सबसे छोटे प्रारूप को प्राथमिकता नहीं देना पड़ेगा। उसने हालांकि बोला है कि यह प्रारूप खेल की ‘विकास की शानदार कहानी’ की तरह है। इस प्रारूप में दोनों टीमों के मैदान में 5-5 खिलाड़ी होते हैं और मैच को 10-10 मिनट के दो हाफ में खेला जा रहा है। जिसके मैदान का आकार भी नियमित हॉकी मैदान से होने वाला है।
लुसाने में खेल के इस प्रारूप में इंडियन पुरुष टीम की सफलता के उपरांत इंडियन हॉकी बिरादरी को भी लगता है कि छोटा प्रारूप युवाओं को आकर्षित करेगा। अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी थिएरी वेल ने बोला है कि खेल को और लोकप्रिय बनाने के लिए हॉकी फाइव्स को पारंपरिक प्रारूप के साथ जोड़ा जाने लगा है।
वेल ने बोला है कि हॉकी फाइव्स खेल के पारंपरिक प्रारूप में एक और विकल्प है। हम हॉकी की लोकप्रियता बढ़ाना चाह रहे हैं और हॉकी फाइव्स जिसमे हमारी सहायता करने वाला है। उन्होंने कहा कि हम इस बात को लेकर आशान्वित हैं कि हॉकी फाइव्स से आने वाले वर्षों में खेल को बहुत ही ज्यादा लाभ होने वाला है। हम हालांकि खेल के पारंपरिक प्रारूप की कीमत पर हॉकी फाइव्स को हावी नहीं होने देंगे। हम कभी ऐसा नहीं होने देंगे।
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