होली त्योहार के साथ ही होलाष्टक की भी समाप्ति हो गई है। इसके साथ ही अब शुभ कार्यों की शुरूआत की जा सकती है। होलाष्टक, होली के आठ दिनों पूर्व शुरू हुआ था तथा होली पूर्णिमा के साथ ही इसकी समाप्ति हो गई है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक में शुभ कार्य वर्जित रहते है और यही कारण रहा कि होलाष्टक के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य को न करने की सलाह दी गई थी। अब होलाष्टक समाप्त हो चुका है इसलिये शुभ कार्य करने में शास्त्रोक्त हिसाब से कोई रोक-टोक नहीं। ज्योतिष शास्त्र में ऐसे कई अवसर या दिन होते है जिन्हें शास्त्रोक्त हिसाब से शुभ नहीं माना जाता है और यही कारण रहता है कि शुभ या मांगलिक कार्यों को करने से मनाही की जाती है।
यूं भले ही कोई ज्योतिषीय सलाह माने या न माने, लेकिन सलाह न मानने की स्थिति में शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। यदि ज्योतिष शास्त्र पर विश्वास किया जाता है तो फिर सलाह मानने की भी आवश्यकता को बल दिया जाना चाहिये।