अयोध्या: पिछले 500 सालों में पहली बार अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में होली पूरे जोर-शोर से मनाई जाएगी. यह पहली होली है जब राम लला की प्रतिमा एक तंबू में नहीं बल्कि एक मंदिर में स्थापित की गई है. राम जन्मभूमि मंदिर के प्रमुख पुजारी, आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि, "राम लला तीन दशकों तक एक अस्थायी तम्बू के भीतर रहे और उन्हें उत्सव से दूर रखा गया. वह अपने जन्मस्थान की मुक्ति के बाद इस साल भक्तों को आशीर्वाद देंगे."
मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने कहा कि,"मुगल बादशाह बाबर के सेनापति मीर बाकी के 1528 में परिसर पर हमला करने के बाद, यहां होली का पर्व धूमधाम और पारंपरिक ढंग से नहीं मनाया जाता था. पांच सौ वर्षों के बाद हम राम लला के दरबार में रंगों का पर्व मनाएंगे. एक नए युग की शुरूआत हो गई है." राम लला के दरबार में उत्सव में प्राकृतिक रंगों और सुगंधित 'गुलाल' का उपयोग किया जाएगा.
मंदिर परिसर के सभी हिस्सों को फूलों से सजाया जाएगा, जो देश के अलग अलग कोनों से लाए गए हैं. राम मंदिर ट्रस्ट ने होली के लिए किए जाने वाले अनुष्ठानों पर पुजारियों के साथ विचार-विमर्श शुरू कर दिया है. जश्न दोगुना हो जाएगा क्योंकि राम मंदिर का निर्माण भी आरंभ हो गया है. शीर्ष अदालत ने नवंबर 2019 में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि हिंदुओं को सौंप दी थी, जो काफी समय से लंबित विवादित भूमि थी.
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