आप सभी को बता दें कि होली के दिन भद्रा प्रात: 10.44 बजे से रात्रि 8.59 बजे तक. ऐसे में होलिका दहन भद्रा के बाद ही करना शुभ है और ऐसा कहा जाता है कि भद्रा में होलिका दहन नहीं किया जाता है. बताया गया है कि 9 बज कर 28 मिनट से रात्रि 11:58 तक तीन घंटे ही होलिका दहन का शुभ मुहूर्त है और इसके अलावा 21 मार्च को स्नान और दान की पूर्णिमा और होली धुरड्डी भी है. आप सभी को बता दें कि इस बार भद्रा के बाद पूर्णिमा व्रत है और इसके अलावा चैत्र कृष्ण प्रारम्भ भी 21 मार्च से ही शुरू हो रहा है. तो आइए जानते हैं इस सप्ताह के व्रत और त्योहार:
19 मार्च (मंगलवार) : नन्द त्रयोदशी। महेश्वर व्रत। वृष दान।
20 मार्च (बुधवार) : भद्रा प्रात: 10.44 बजे से रात्रि 8.59 बजे तक। होलिका दहन भद्रा के बाद ही करें। भद्रा के बाद पूर्णिमा व्रत। सूर्य उत्तर गोल प्रारम्भ। महाविषुव दिन.
21 मार्च (गुरुवार) : स्नान-दान की पूर्णिमा। चैत्र कृष्ण प्रारम्भ। होली धुरड्डी। वंसतोत्सव। रतिकाम महोत्सव। *श्री चैतन्य महाप्रभु जयंती। प्रतिपदा तिथि क्षय.
22 मार्च (शुक्रवार) : राष्ट्रीय चैत्र मास प्रारम्भ। शक संवत् 1941 प्रारम्भ। संत तुकाराम जयंती.
23 मार्च (शनिवार) : भद्रा प्रात: 11.39 से रात 10.32 तक.
24 मार्च (रविवार) : संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत.
25 मार्च (सोमवार) : श्री रंग पंचमी। मेला नवचंदी (मेरठ).
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