हर साल होली का पर्व धूम-धाम से मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 18 मार्च को मनाया जाने वाला है, हालाँकि होलिका दहन इस साल 17 मार्च, गुरुवार को है। आप सभी को बता दें कि इस साल भद्रा के कारण होलिका दहन के शुभ मुहूर्त को लेकर असमंजस की स्थिति है। जी हाँ और यही कारण है कि होलिका दहन का मुहूर्त हर कोई अलग-अलग बता रहा है। इसी के चलते आम लोग यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि आखिर होलिका दहन किस मुहूर्त में करना चाहिए।
हालाँकि कई ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, होलिका दहन हमेशा फाल्गुन पूर्णिमा को प्रदोष काल में भद्रा रहित मुहूर्त में किया जाना चाहिए। ऐसे में अगर प्रदोष काल में भद्रा है, तो भद्रा समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन करना चाहिए। आप सभी को बता दें कि भद्रा को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माना गया है। वहीं इस दौरान शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है।
शुभ मुहूर्त- फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 17 मार्च को दोपहर 01 बजकर 29 मिनट से प्रारंभ होगी, जिसका समापन 18 मार्च को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर होगा। भद्रा प्रारंभ 17 मार्च को दोपहर 01 बजकर 02 मिनट से और समापन 17 मार्च को देर रात 12 बजकर 57 मिनट पर होगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 17 मार्च को रात 12 बजकर 57 मिनट के बाद से है। वहीं कुछ लोगों का मत है कि भद्रा की पूंछ में होलिका दहन किया जा सकता है, हालाँकि ऐसा नहीं करना चाहिए। भद्रा का समय अशुभ और अमंगलकारी माना गया है।
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