ज्योतिषों के अनुसार इस बार होलिका दहन पर भद्रा दोष रहने वाला है और इसके चलते शाम की बजाय रात में पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में होलिका दहन किया जाएगा। आप सभी को बता दें कि अन्य ग्रहों की स्थिति पर गौर किया जाए तो इस बार होलिका दहन पर गजकेसरी, वरिष्ठ और केदार नाम के 3 राजयोग बन रहे हैं। जी हाँ और होली पर ऐसा दुर्लभ संयोग कम ही बनता है। इसी के साथ इतने बड़े शुभ योगों में होलिका दहन होना देश के लिए शुभ रहेगा। जी हाँ और इन ग्रह योगों से मान-सम्मान, पारिवारिक सुख और समृद्धि बढ़ेगी।
शुक्र के नक्षत्र में होगा होलिका दहन- आप सभी को बता दें कि होली पर नक्षत्र, महीने और ऋतु के स्वामी एक ही राशि में रहेंगे। वहीं बीते 14 मार्च से वसंत ऋतु शुरू हो रही है, जिसका स्वामी शुक्र होता है। ऐसे में शुक्र के ही पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में होलिका दहन होगा। आपको बता दें कि ये ग्रह सुख-सुविधा, समृद्धि, उत्सव, हर्ष और ऐश्वर्य का भी कारक है। दूसरी तरफ, फाल्गुन महीने का स्वामी शनि है। ऐसे में शुक्र-शनि आपस में मित्र हैं और दोनों ही मकर राशि में साथ होकर युति बना रहे हैं।
वहीं सितारों की ये स्थिति इस पर्व का शुभ फल और बढ़ा रही है। ग्रहों की स्थिति बना रही शुभ योग- आने वाले 17 मार्च, गुरुवार को होलिका दहन होगा जो कि देव गुरु बृहस्पति का दिन माना जाता है। साथ ही बृहस्पति का दृष्टि संबंध चंद्रमा से होने पर गजकेसरी योग रहेगा। जी हाँ और इस पर्व पर वरिष्ठ और केदार योग भी बन रहे हैं। इसी के साथ ही सूर्य का मित्र राशि में होना इस पर्व को और शुभ बना रहा है। आप सभी को बता दें कि होलिका दहन पर विशेष ग्रह-योग से रोग, शोक और दोष का नाश तो होगा ही, दुश्मनों पर भी जीत मिलेगी। वहीं दूसरी तरफ होली के बाद से दीपावली तक बिजनेस करने वालों के लिए अच्छी स्थितियां बनेंगे और फायदे वाला समय रहेगा।
केवल यही नहीं बल्कि इस साल टैक्स वसूली बढ़ सकती है। साथ ही विदेशी निवेश में भी वृद्धि होने के योग हैं। इसके अलावा अंतराष्ट्रीय स्तर पर चल रही मंदी खत्म होगी। देश में बीमारियों का संक्रमण कम होने लगेगा और कोई नया रोग भी नहीं आएगा। इसी के साथ महंगाई पर नियंत्रण बना रहेगा।
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