नई दिल्ली: म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं. लोग सेना के तख्तापलट और निर्वाचित नेता आंग सान सू ची को निष्कासित किए जाने के खिलाफ हर दिन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने या उन्हें तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बल भी गोलियां चला रहे हैं.
रविवार को भी इसी विरोध प्रदर्शन के दौरान 30 लोगों की मौत हो गई. वहीं म्यांमार में तख्तापल्ट का असर भारत में भी नज़र आने लगा है. दरअसल म्यांमार के कई पुलिस अधिकारी भागकर भारत में घुस आए थे. जिसके बाद गृह मंत्रालय ने भी चार राज्यों को घुसपैठ का अलर्ट जारी कर दिया है. इसके साथ ही घुसपैठ होने पर कानून के अनुसार कार्रवाई के आदेश भी दिए हैं. वहीं म्यांमार से भागकर भारत आने वाले लोगों ने दावा किया है कि वे म्यांमार पुलिस और फायर ब्रिगेड में काम करते थे. भागने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि म्यांमार की सेना उन्हें निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाने को विवश कर रही थी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार के लगभग 116 नागरिक तियाऊ नदी पारकर मिजोरम के फारक्वान गांव पहुंचे हैं. इनमें बच्चे और औरतें भी शामिल हैं . वहीं पुलिस ने म्यांमार के लगभग 7 पुलिस अफसरों को गिरफ्तार किया है. बता दें कि इस महीने की शुरुआत में म्यांमार ने भारत से बॉर्डर पार करने वाले अपने पुलिस अफसरों को वापस मांगा था.
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