बहुत से लोगों को बार बार पेशाब जाने की बीमारी होती है जिससे वो परेशान हो जाते हैं. मस्तिष्क मूत्राशय को सिकुड़ने और मूत्रमार्ग को खुलने का सन्देश देता है. सामान्य व्यक्ति आम तौर पर दिन में 4-7 और रात में 1-2 बार पेशाब करता है. लेकिन कुछ लोगों ये आदत अधिक बार की होती है. मूत्राशय और मूत्रमार्ग का द्वार, गर्भाशय तथा योनि व मलपथ को सहारा देने वाली मांसपेशियां एक ही होती हैं, इनमे गड़बड़ होने पर यह बढ़ सकती है.
* कुलथी का प्रयोग: कुलथी में कैल्शियम, आयरन और पॉलीफिनॉल होता है, जो कि एंटीऑक्सीडेंट से भरा होता है. थोड़ी सी कुलथी को गुड के साथ रोज सुबह लेने से मूत्राशय की खराबी दूर हो जाएगी.
* तिल के बीज: तिल के दानों में एंटी ऑक्सीडेंट्स, मिनरल्स और विटामिन्स होते हैं. आप इसे गुड या फिर अजवाइन के साथ सेवन कर सकते हैं.
* शहद और तुलसी: एक चम्मच शहद के साथ 3-4 तुलसी की पत्तियां मिलाएं और खाली पेट सुबह खाएं.
* दही: इसमें मौजूद प्रोबायोटिक ब्लैडर में खतरनाक बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है.
* बेकिंग सोडा: यह पेशाब के पीएच बैलेंस को नियंत्रित करता है. आधा चम्मच बेकिंग सोडा को 1 गिलास पानी के साथ मिक्स कर के पियें.
* पानी पियें: पानी से शरीर उतना ही ज्यादा हाइड्रेट बनेगा और किडनी से गंदगी निकलेगी. एक पुरुष को लगभग 3 लीटर पानी हर दिन पीना चाहिये.
* विटामिन सी: विटामिन सी पेशाब में अम्लता को बढ़ाता है; जीवाणु अम्लीय परिवेश में नहीं बढ़ सकते हैं.
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