दिवाली के दौरान वायु प्रदूषण होना वाजिब है और इससे कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं जैसे कि खांसी, सांस की तकलीफ, त्वचा रोग आदि. पिछले साल वायु की गुणवत्ता दिवाली के दौरान गंभीर श्रेणी में आ गयी थी. इससे कई बार जीवन भी खतरे में पड़ जाता है. तो इस दिवाली, अपने जीवन को आयुर्वेद सहारा लें और स्वाभाविक रूप से जीने के लिए अपने चारों ओर की हवा को शुद्ध करने के लिए कुछ सरल उपाय करें जो हम बताने जा रहे हैं. यह स्वस्थ रहने के लिए सबसे अच्छा व आसान तरीका है.
दिवाली के दौरान वायु प्रदूषण से बचने के आयुर्वेदिक उपाय
नीम का उपयोग : यह हर्बल पौधा प्रदूषक को अब्सोर्ब करता है. हवा शुद्ध करने के लिए अपने घर में नीम के पत्तों का एक गुच्छा रखें. नीम के पानी में उबली हुई पत्तियों के साथ अपने चेहरे को धो लें. इसके अलावा सप्ताह में कम से कम दो बार तीन से चार नीम के पत्ते खाने की कोशिश करें. यह आपके रक्त को शुद्ध करने और रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करेगा.
तुलसी : यह हर घर में होता है. तुलसी के कुछ पत्ते ले, इसे कुचल दें और शहद के कुछ बूंदों को इसमें डालकर पी लें. यह आपके प्रदूषण के कारण श्वसन पथ में होने वाली खराबी को रोकने के लिए दैनिक उपचार है.
घी : रोज़ सुबह और शाम नाक में गाय के घी की 2 बूँदें आपको प्रदूषकों से दूर रहने में मदद करेगी.
हल्दी : शहद के 1 चम्मच के साथ हल्दी पाउडर का आधा चम्मच हर सुबह खाली पेट लेंने से आप दीवाली के दौरान वायु प्रदूषण से बच सकते है.
पीपली : इसे 'लॉन्ग काली मिर्च' के रूप में भी जाना जाता है, पीपली फेफड़े के संक्रमण के खिलाफ प्रभावी एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है. इसे आप किसी भी दिलकश पकवान में जोड़ सकते हैं. गंभीर ठंड से बचने के लिए 1¼ चम्मच अदरक, ¼ चम्मच हल्दी और 1 / 8 चम्मच पीपली पाउडर 1 चम्मच शहद में मिश्रित करे और जागने के तुरंत बाद गर्म पानी के साथ सेवन करें.
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