कई लोगों को खर्राटें आते हैं और वो इससे परेशान रहते हैं. कुछ लोग इस पर ध्यान नहीं देते हैं. लेकिन खर्राटों को हल्के में न लें, क्योंकि ये स्लीप ऐप्निया जैसे डिस्ऑर्डर या किसी दूसरी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकते हैं. इसलिए केवल नाक को दबाने या नोज़ स्ट्रिप्स लगाने में ही इस समस्या का का हल नहीं है. एक स्वस्थ शरीर के लिए सुकून की नींद सबसे ज़रूरी होती है. लेकिन कई बार नींद में ज़ोर-ज़ोर से खर्राटे लेने वाले तो सो रहे होते हैं, तो उन्हें पता नहीं होता है कि आसपास वालों पर क्या गुज़रती है. आप भी इससे परेशान हैं तो बता देते हैं कुछ टिप्स.
* करवट लेकर सोएं : अगर आप पीठ के बल सोती हैं, तो इस मुद्रा में आपके गले और जीभ पर ज़्यादा दबाव बनता है और खर्राटे आने की आशंका बढ़ जाती है. इसे दूर करने का सबसे सरल उपाय यह है कि आप करवट लेकर सोएं.
* पेपरमिंट ऑयल : पेपरमिंट ऑयल नाक के पैसेज को खोलने और गले के मोटे टीशूज़ को सिकोड़ने में मदद करता है. इससे खर्राटों को रोकना आसान हो जाता है. ऑयल की दो से तीन बूंदें हाथ में लेकर या रुमाल में रखकर रोज़ाना सूंघें. भाप लेने के लिए भी इस ऑयल का इस्तेमाल किया जा सकता है.
* मेथी दाने : मेथी में फ़ायटो-न्यूट्रीएंट्स के साथ-साथ ऐंटीऑक्सीडेंट और ऐंटीवायरल गुण पाए जाते हैं. यह आपके पाचन को दुुरुस्त करती है. पाचन का खर्राटों से सीधा संबंध होता है, इससे खर्राटों को कम करने में मदद मिलती है. इसके लिए रोज़ाना रात को आधा चम्मच मेथी पाउडर पानी के साथ पिएं. ऐसा हर दिन करने से धीरे-धीरे खर्राटों की आवाज़ कम होने लगेगी.
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