होंडा वाहन निर्माता कंपनी अप्रैल से मार्च में पिछले साल के मुकाबले व्यापार में घाटे की पुष्टि की है। लेकिन फीर भी कंपनी ने इस बात की उम्मीद जताई है कि वह अपनी आने वाले साल में सकारात्मक वृद्धि दर्ज करेगी। कंपनी का कहना है कि नोटबंदी की वजह से यह इतनी समस्या उठानी पड़ी हैं।
इस पर होंडा इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ज्ञानेश्वर सेन का कहना है कि, "पिछले साल में कंपनी ने सालाना आधार पर 2 फीसदी की वृद्धि दर्ज कर 1.92 लाख वाहनों की बक्री की थी। लेकिन इस साल पिछले साल की अपेक्षा नकारात्मक वृद्धि की उम्मीद है।
इसके अलावा डीजल गाड़ियों के बैन को लेकर ग्राहक पेट्रोल गाड़ियों की ओर अपना रुख बदलने लगे। कंपनी का कहना है कि हमारे पास डीजल गाड़ियों का काफी स्टॉक बचा हुआ था। हमने पहले इसे दुरुस्त किया। इसके बाद हमे फरवरी में महीने में बिक्री के काफी अच्छे आंकड़े सामने आए। अब हमें उम्मीद है कि आने वाले वित्त वर्ष में हमे अच्छी ग्रोथ हासिल होगी।" इसके अलावा कंपनी अपने लेटेस्ट प्रोडक्ट WR-V को ग्लोबल मॉडल बनाने के लिए इसकी मैन्युफैक्चिंग साउथ अमेरिका में भी करेगी, ताकि ब्राजिलियन बाजार में इसका निर्यात कर सके।
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