अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने हाल ही में मंगल ग्रह से चट्टानी नमूनें कलेक्ट किए हैं। स्पेस एजेंसी ने शुक्रवार को कहा कि रोवर को कुछ नमूनें प्राप्त हुए हैं। नासा के अनुसार, ये नमूनें संकेत देते हैं कि एक समय ऐसा था जब Jezero Crater पर जिंदगी के लायक पर्यावरण उपस्थित था। स्पेस एजेंसी ने कहा कि ये कोर नमूनें ज्वालामुखी से निकले लावा से बनी चट्टान का संकेत देता है। ये Basaltic है, जिसमें सिलिका कम मगर लोहा तथा मैग्नीशियम अधिक होता है।
वही NASA ने अपने मिशन के लिए Jezero Crater को चुना है क्योंकि, रिसर्च में ये आशंका व्यक्त की गई है कि कभी यहां पानी हुआ करता था। अब नए नमूनों के माध्यम से इस बात को जानने में सहायता प्राप्त हो सकती है कि ये प्राचीन झील कब बनी तथा कब गायब हो गई। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे यहां जिंदगी की उम्मीद भी बढ़ जाती है। रोवर के लिए गए नमूनें तथा पहले जिन चट्टानों से नमूनें लिए गए थे, दोनों को देखकर एक्सपर्ट इस बात का कयास लगा रहे हैं कि यहां भूमिगत जल बहुत समय तक रहा होगा।
मिशन के प्रोग्राम साइंटिस्ट मिच शूल्ट ने बताया कि इन नमूनों के माध्यम से चट्टानों में उपस्थित खनिजों के सीक्वेंस और इनके बनने के समय पर्यावरण के हालात के बारे में पता लगाया जा सकेगा। वही वैज्ञानिकों की टीम के अनुसार, चट्टानों के नमूनों में ऐसे नमक मिले हैं जो तब बने होंगे जब भूमिगत जल ने ओरिजनल खनिजों को परिवर्तित कर दिया होगा। संभव है कि पानी के भाप बनने के पश्चात् नमक बचा रह गया हो। NASA ने कहा है कि नमक में शायद पानी भी रहा होगा। इन्हें 'टाइम कैप्सूल' के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। इससे मंगल की जलवायु तथा यहां जिंदगी की संभावना के बारे में पता लगाया जा सकता है।
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