भुवनेश्वर: ओडिशा में एक 22 वर्षीय युवक उपचार के लिए पिछले 15 दिनों से भुवनेश्वर और कटक के अस्पतालों का चक्कर लगा रहा था. लगभग 10 अस्पतालों ने उसका उपचार करने से इनकार कर दिया. इसके बाद ओडिशा मानवाधिकार आयोग (OHRC) ने मंगलवार को इस मामले में दखल दिया और आखिरकार जख्मी युवक का सफल ऑपरेशन किया गया.
पीड़ित के भाई द्वारा अपील पर OHRC ने एक्शन लिया. OHRC ने एक अस्पताल को ये केस देखने का निर्देश दिया और मंगलवार रात पीड़ित युवक का ऑपरेशन किया गया. याचिकाकर्ता पबित्रा नायक के मुताबिक, भुवनेश्वर के रहने वाले उनके भाई रंजीत नायक को पड़ोसी ने 8 सितंबर को मोबाइल चोरी के मामले में चाकू घोंप दिया था. जख्मी युवक की स्वास्थ्य स्थिति का आकलन करने के बाद पुलिस ने उसके माता-पिता से युवक को अस्पताल में एडमिट करने को कहा.
मानवाधिकार कार्यकर्ता प्रदीप प्रधान ने कहा कि जख्मी युवक को दो सरकारी अस्पतालों और छह प्राइवेट अस्पतालों में ले जाया गया, किन्तु कहीं भी उसका इलाज नहीं किया गया. 8 और 9 सितंबर की रात में परिवार युवक के उपचार के लिए कई अस्पताल भटका, किन्तु किसी ने भी ध्यान नहीं दिया, जबकि पीड़ित असहनीय पीड़ा से जूझ रहा था. अगले एक हफ्ते तक परिवार के सदस्यों ने विभिन्न अस्पतालों में बार-बार अनुरोध किया, किन्तु सब व्यर्थ रहा. आखिरकार 22 सितंबर को, OHRC ने दखल दिया, जिसके बाद ऑपरेशन हुआ.
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