फिल्म इंडस्ट्री लंबे समय से राजनीति, भाई-भतीजावाद और कास्टिंग काउच की अफवाहों से त्रस्त है, लेकिन हॉटस्टार सीरीज़ "शोटाइम" में इसे इतनी हिम्मत से उजागर नहीं किया गया। शो के निर्माताओं ने इंडस्ट्री के काले रहस्यों पर प्रकाश डालने में उल्लेखनीय साहस का परिचय दिया है और कलाकारों ने भी इस तरह के प्रोजेक्ट को लेने में उतनी ही हिम्मत दिखाई है।
कहानी नसीरुद्दीन शाह के किरदार के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने बेटे इमरान हाशमी की जगह अपनी भतीजी महिमा मकवाना को अपना स्टूडियो सौंप देता है। इस फैसले से दोनों के बीच भयंकर लड़ाई छिड़ जाती है, जिसमें इमरान महिमा का करियर बर्बाद करने की ठान लेता है। इस बीच सुपरस्टार राजीव खंडेलवाल उनके संघर्ष में उलझ जाते हैं, जिससे दर्शक असमंजस में पड़ जाते हैं कि वह किसका पक्ष लेंगे। जैसे-जैसे सीरीज आगे बढ़ती है, फिल्म इंडस्ट्री के काले राज सामने आते हैं, जिसे देखकर दर्शक दंग रह जाते हैं।
यह शो बॉलीवुड की चमक-दमक के पीछे की सच्चाई को उजागर करने का एक साहसिक और साहसिक प्रयास है। निर्माताओं ने इंडस्ट्री की कठोर वास्तविकताओं को चित्रित करने में एक बड़ा जोखिम उठाया है, और कलाकारों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। नसीरुद्दीन शाह, विशेष रूप से शो में अपनी विशिष्ट उत्कृष्टता लाते हैं, जबकि इमरान हाशमी का उनके चरित्र का साहसिक चित्रण सराहनीय है। महिमा मकवाना अनुभवी अभिनेताओं के साथ चमकती हैं, और मौनी रॉय, राजीव खंडेलवाल, श्रेया सरन और विजय राज ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है।
निर्देशक मिहिर देसाई और अर्चित कुमार अपनी साहसी कहानी के लिए प्रशंसा के पात्र हैं, जो उद्योग की छिपी सच्चाइयों को उजागर करता है। हालांकि श्रृंखला कई बार धीमी हो सकती है, लेकिन जटिल कथानक और राजनीतिक साज़िश को विकसित करना आवश्यक है। कुल मिलाकर, "शोटाइम" एक मनोरंजक और विचारोत्तेजक श्रृंखला है जो आपको अवाक कर देगी।
कभी 5 हजार कमाती थी ये एक्ट्रेस आज है करोड़ों की मालकिन
पर्याप्त बूट स्पेस वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर भारत में लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं