अमेरिका के नये राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पहली नीतिगत बैठक हुई है. जिससे उन्होंने अमेरिका की अर्थव्यवस्था के सुधार को लेकर 2016 में पहली बार ब्याज़ दरों में बढ़ोतरी का फैसला लिया है. ये बढ़ोतरी 25 बेसिस प्वाइंट की हुई है.
अनुमान ये भी लगाया जा रहा है कि अगले साल ब्याज़ दरों में तीन और बढ़ोतरी हो सकती है. इस नीति को बनाने वाली फेडरल ओपन मार्केट कमिटी ने मुख्य फेडरल दरों में 0.5 से 0.75 फीसदी तक बढ़ोतरी का निर्णय लिया है और कहा है कि अर्थव्यवस्था ‘धीरे-धीरे’ आगे बढ़ेगी. 0.25 से 0.5 फीसदी की पूर्ववर्ती रेंज से दर बढ़ोतरी दिसम्बर 2015 में हुई थी और दूसरी अब होगी.
अमेरिकी सरकार के लिए तो ये अच्छी ख़बर है. लेकिन भारत और कुछ दूसरे देशों के लिए इसे बुरी ख़बर मानी जा रही है. आपको बता दे कि ब्याज दर बढ़ने से अमेरिका में काम कर रही भारतीय कंपनियों पर निगेटिव असर पड़ सकता है. इसके साथ ही भारतीय बाज़ारों में होने वाली विदेशी निवेश में भी कुछ कमी देखने को मिल सकती है.
ट्रम्प की स्ट्रेटेजिक एंड पॉलिसी फोरम की सदस्य बनीं इंदिरा नूई