वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप महाभियोग की प्रक्रिया को आसानी से पार कर ले जाएंगे. वहीं यह किस तरह से संभव होगा और आखिर इसकी क्या वजहें हैं. लोकतंत्र में संख्या का खेल अहम है. इसलिए ट्रंप इस संख्या खेल में बाजी मार ले जाएंगे. आखिर क्या है संख्या की गणित और कैसे इस समस्या से पार पाएंगे ट्रंप. निचले सदन में ट्रंप को हार का सामना करना पड़ा. अमरीकी इतिहास में ट्रंप ऐसे तीसरे राष्ट्रपति हैं जिनके ख़िलाफ़ महाभियोग को मंज़ूरी दी गई है. लेकिन उच्च सदन में उनके दल का बहुमत है. यानी उनकी रिपब्लिकन का दबदबा है. इसलिए उम्मीद की जा रही है ट्रंप यहां इस समस्या को पार करने में सफल हो जाएंगे.
20 रिपब्लिकन सांसदों पर टिका ट्रंप का भविष्य: सूत्रों से मिली जाकारी के अनुसार ट्रंप की सत्ता भी फिलहाल सुरक्षित है, क्योंकि महाभियोग की प्रक्रिया निचले सदन में पूरी भी होने के बाद भी रिपब्लिकन बहुमत वाली सीनेट से उसका पास होना मुश्किल है. सीनेट में रिपब्लिक का नियंत्रण है ऐसे में इस बात की संभावना बेहद कम है कि ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाया जा सकेगा. वहीं यह ट्रंप केवल एक सूरत में हट सकते हैं, जब कम से कम 20 रिपब्लिकन सांसद उनके खिलाफ विद्रोह का झंडा उठा लें. फिलहाल इसकी गुंजाइश कम ही है. इसलिए यह माना जा रहा है ट्रपं की कूर्सी सुरक्षित है.
निचले सदन में हुई वोटिंग की प्रक्रिया पूरी: वहीं यह भी कहा जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही सीनेट में होगी, बुधवार को निचले सदन में हुई वोटिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पर सत्ता के दुरुपयोग और संसद के काम में अवरोध पैदा करने के आरोप. 21 जनवरी से शुरू हो सकती है महाभियोग की कार्यवाही की अध्यक्ष्ता सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस करेंगे. लेकिन सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी का दबदबा इसलिए उम्मीद है कि डॉनल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे. वहीं निचले सदन में डेमोक्रेट्स का दबदबा है. 438 सदस्यीय निचले सदन में डेमोक्रेट्स का दबदबा है. लेकिन उच्च सदन में रिपब्लिकन का वर्चस्व है.
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