50 साल पहले अमेरिका में एक ऐसी घटना घटी जिसे लोग आज भी नहीं भूल पाए हैं। यह कहानी एक रहस्यमयी चोर की है, जो करोड़ों रुपये और पैराशूट लेकर एक उड़ते हुए प्लेन से कूद गया और फिर कभी नहीं मिला। ये कोई फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं बल्कि असल जिंदगी की घटना है।
कौन था डीबी कूपर?
यह घटना 1971 की है। एक व्यक्ति, जो सूट-बूट पहने हुए था और अपने साथ काले रंग का बैग लिए, एयरपोर्ट पहुंचा। उसने एक फ्लाइट का टिकट लिया और अपना नाम डीबी कूपर बताया। हालाँकि, बाद में पता चला कि यह नाम नकली था। फ्लाइट में उसने सबसे पीछे की सीट ली और चुपचाप बैठ गया।
कैसे किया प्लेन हाइजैक?
जैसे ही फ्लाइट आसमान में पहुंची, डीबी कूपर ने फ्लाइट अटेंडेंट को एक कागज का टुकड़ा दिया। अटेंडेंट ने सोचा कि शायद वह उसे अपना नंबर दे रहा है, लेकिन जब उसने कागज पढ़ा, तो वह चौंक गई। उसमें लिखा था, "मेरे पास बम है।" कूपर ने उसे अपना बैग खोलकर दिखाया जिसमें सच में बम था। उसने पायलट से विमान को नजदीकी एयरपोर्ट पर उतारने और दो लाख डॉलर (आज के समय में करीब 1 करोड़ 36 लाख रुपये) और चार पैराशूट की मांग की।
सरकार ने मानी कूपर की शर्तें
यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए अमेरिकी सरकार ने कूपर की मांग मान ली। उसे दो लाख डॉलर दे दिए गए। हालांकि, एफबीआई ने नोटों के नंबर नोट कर लिए ताकि बाद में उसे पकड़ा जा सके। इसके बाद कूपर ने पायलट को विमान उड़ाने के लिए कहा और मैक्सिको की ओर जाने का निर्देश दिया।
कैसे गायब हो गया कूपर?
रात के अंधेरे में जब विमान उड़ रहा था, कूपर ने पायलट से कहा कि वह विमान के पीछे वाले हिस्से में अकेला रहना चाहता है। फिर उसने पैराशूट पहना और चलते विमान से कूद गया। जब पायलट को विमान में कुछ अजीब लगा, तो उन्होंने देखा कि विमान का गेट खुला हुआ था और कूपर गायब हो चुका था। अमेरिकी सरकार ने कई विमानों को भेजा, लेकिन कूपर का कोई सुराग नहीं मिला।
आज तक है एक अनसुलझा रहस्य?: कूपर के बारे में सिर्फ एक स्केच मिला था और उसके बाद वह कभी नजर नहीं आया। आज तक यह रहस्य बना हुआ है कि वह कौन था, कहां गया, और उसे कैसे पकड़ा नहीं जा सका।
अमिताभ बच्चन को अपने पिता का पुनर्जन्म मानते थे हरिवंश राय, खुद किया खुलासा
रतन टाटा ने प्रोड्यूस की थी फिल्म, अमिताभ बच्चन ने निभाया था लीड रोल
3 महीने में 194 नक्सली ढेर..! अमित शाह बोले- अंतिम साँसें गिन रहा नक्सलवाद