कौन है IPL का जनक और कैसे हुई इसकी शुरुआत? जानिए हर जरुरी सवाल का-जवाब

कौन है IPL का जनक और कैसे हुई इसकी शुरुआत? जानिए हर जरुरी सवाल का-जवाब
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24 और 25 नवंबर को सऊदी अरब के जेद्दा शहर में IPL 2025 का मेगा ऑक्शन आयोजित हुआ। यह दो दिवसीय आयोजन क्रिकेट प्रेमियों और खिलाड़ियों के लिए बेहद खास रहा। नीलामी में दुनियाभर के दिग्गज और युवा खिलाड़ी शामिल हुए। कुछ ने भारी बोली में अपने क्रिकेट करियर को नई ऊंचाई पर पहुंचाया, जबकि कुछ खिलाड़ियों को किसी टीम ने नहीं चुना। बीते कुछ वर्षों में IPL न केवल मैदान पर बल्कि डिजिटल और सोशल मीडिया पर भी छाया रहा है। दिलचस्प यह है कि IPL भारत में गूगल पर सबसे अधिक सर्च किए जाने वाले कीवर्ड्स में से एक बन चुका है। लेकिन इस लीग का सफर इतना आसान नहीं था। इसकी शुरुआत कैसे हुई, यह किसके दिमाग की उपज थी, और इसे सफल बनाने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा, यह कहानी बेहद रोचक है।

कब और कैसे हुई IPL की शुरुआत?
लीग की योजना का शुरुआती विचार
2008 में IPL की शुरुआत से पहले, भारत में इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) नाम की एक टी20 लीग शुरू की गई थी। हालांकि IPL का पूरा श्रेय 2008 में शुरू होने वाले पहले सीजन को दिया जाता है, लेकिन इसकी योजना इससे कहीं पहले बन चुकी थी। लीग के पहले कमिश्नर और बीसीसीआई के पूर्व उपाध्यक्ष ललित मोदी ने 1996 में ही इस तरह की लीग का विचार किया था। उस समय मोदी, मोदी एंटरटेनमेंट नेटवर्क के मालिक थे और उनकी कंपनी ने ईएसपीएन के साथ साझेदारी की थी। उन्होंने अमेरिकी पेशेवर खेलों से प्रेरणा लेते हुए एक शहर-आधारित लीग का खाका तैयार किया। मोदी की योजना थी कि टीमों को फ्रेंचाइज़ी मॉडल पर बेचा जाए और ईएसपीएन इसका प्रसारण करे। बीसीसीआई ने इस प्रस्ताव को मंजूरी भी दी, लेकिन बाद में रिश्वत की मांग के कारण यह योजना विफल हो गई। ललित मोदी ने बाद में कोलंबिया बिजनेस स्कूल में दिए गए एक भाषण में इस पूरी कहानी का जिक्र किया।

2007: IPL का पुनर्जन्म
2007 तक क्रिकेट ने बड़ा बदलाव देखा। टी20 क्रिकेट ने दुनिया भर में अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी। इस समय ललित मोदी ने अपने विचार को फिर से जीवित किया। अब वे बीसीसीआई के उपाध्यक्ष थे, जिससे उन्हें योजना को लागू करने का एक बड़ा मंच मिला। ललित मोदी ने इंग्लैंड जाकर आईएमजी वर्ल्ड के उपाध्यक्ष एंड्रयू वाइल्डब्लड से मुलाकात की। दोनों ने IPL की व्यावसायिक योजना तैयार की, जिसमें खिलाड़ियों, टीमों और टूर्नामेंट के स्वरूप को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। 10 सितंबर 2007 को बीसीसीआई अध्यक्ष शरद पवार ने मोदी को लीग के लिए 25 मिलियन डॉलर (करीब 2.5 करोड़ रुपये) की धनराशि दी, ये पैसा इसलिए दिया गया ताकि वह IPL के लिए खिलाड़ियों को खरीद सकें. 

IPL का औपचारिक लॉन्च
12 सितंबर 2007 को इंडियन प्रीमियर लीग को आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया गया। ललित मोदी ने 2007 टी20 विश्व कप के चलते खिलाड़ियों से मुलाकात की तथा उन्हें IPL में खेलने के फायदों के बारे में बताया। उन्होंने न सिर्फ भारतीय खिलाड़ियों को आकर्षित किया, बल्कि विदेशी क्रिकेटरों को भी इस लीग से जोड़ने की योजना बनाई। मोदी ने विभिन्न देशों के क्रिकेट बोर्ड्स से संपर्क किया जिससे वे अपने खिलाड़ियों को IPL में खेलने की अनुमति दें। हालांकि अधिकांश बोर्ड इस पर सहमत हो गए, किन्तु इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने अपने खिलाड़ियों को लीग में खेलने की अनुमति नहीं दी। फिर भी, IPL का पहला सीजन बड़ी सफलता के साथ आयोजित हुआ और इसमें पाकिस्तान के खिलाड़ी भी शामिल हुए।

फ्रेंचाइज़ियों की नीलामी और पहले सीजन का प्रारंभ
IPL में टीमों को फ्रेंचाइज़ी मॉडल पर नीलाम किया गया। पहले सीजन में कुल आठ टीमों ने हिस्सा लिया:
मुंबई इंडियंस (मुकेश अंबानी)
कोलकाता नाइट राइडर्स (शाहरुख खान)
किंग्स इलेवन पंजाब (प्रीति जिंटा)
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (विजय माल्या)
राजस्थान रॉयल्स (राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी)
डेक्कन चार्जर्स (डेक्कन क्रॉनिकल)
चेन्नई सुपर किंग्स (इंडिया सीमेंट्स)
दिल्ली डेयरडेविल्स (जीएमआर ग्रुप)
इन टीमों की नीलामी से BCCI को भारी राजस्व प्राप्त हुआ। 2008 में आयोजित पहला सीजन अत्यधिक सफल रहा तथा इसे दुनिया भर में सराहा गया।

इस सीरीज में कुल 59 मैच खेले गए। फाइनल मुकाबला 1 जून 2008 को चेन्नई सुपर किंग्स तथा राजस्थान रॉयल्स के बीच खेला गया। राजस्थान रॉयल्स ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी। चेन्नई ने निर्धारित 20 ओवरों में 5 विकेट खोकर 163 रन बनाए। जवाब में राजस्थान रॉयल्स ने आखिरी ओवर में तीन विकेट शेष रहते लक्ष्य हासिल किया। इस जीत के साथ शेन वॉर्न पहले IPL विजेता कप्तान बने।

IPL का पहला मैच
IPL का उद्घाटन मैच 18 अप्रैल 2008 को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच खेला गया। इस मैच ने क्रिकेट प्रशंसकों को अद्भुत रोमांच का अनुभव कराया। कोलकाता नाइट राइडर्स ने टॉस हारने के पश्चात् पहले बल्लेबाजी की तथा 3 विकेट पर 222 रन बनाए। ब्रेंडन मैकुलम ने शानदार शतक लगाते हुए 158* रन बनाए, जिसमें 10 चौके और 13 छक्के सम्मिलित थे। बैंगलोर की टीम इस विशाल लक्ष्य के सामने संघर्ष करती रही और केवल 82 रनों पर ढेर हो गई। कोलकाता ने यह मुकाबला रिकॉर्ड 140 रनों के अंतर से जीता। यह जीत अगले 8 सालों तक IPL में सबसे बड़े अंतर से जीत का रिकॉर्ड रही।

IPL में सबसे कम रनों से जीत
IPL में सबसे कम अंतर से जीत का पहला मामला 2008 में हुआ। किंग्स इलेवन पंजाब ने 45वें मैच में मुंबई इंडियंस को केवल 1 रन से हराया। यह रोमांचक मुकाबला इतिहास में दर्ज हो गया। इसके बाद IPL के विभिन्न सीजन में 10 और बार एक रन के अंतर से मैच जीते गए।

IPL का पहला छक्का
IPL का पहला छक्का ब्रेंडन मैकुलम ने लगाया। 2008 के उद्घाटन मैच में ज़हीर खान की गेंद पर उन्होंने यह शॉट खेला। उन्होंने पहले उसी ओवर में चौका भी लगाया था। यह दिलचस्प है कि IPL के पहले चौके और छक्के का श्रेय एक ही खिलाड़ी को जाता है।

IPL का पहला शतक
IPL के इतिहास का पहला शतक भी ब्रेंडन मैकुलम ने लगाया। कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलते हुए उन्होंने 158* रनों की शानदार पारी खेली। यह पारी न केवल उनके करियर का बल्कि IPL के पहले सीजन का भी सबसे यादगार पल बन गई। उनके बाद 2008 में माइकल हसी (116*), एंड्रयू साइमंड्स (117*), और एडम गिलक्रिस्ट ने भी शतक लगाए।

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