किस तरह हुई थी कराटे की शुरुआत, जानिए कितनी होती है इसकी प्रतियोगिताएं

किस तरह हुई थी कराटे की शुरुआत, जानिए कितनी होती है इसकी प्रतियोगिताएं
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कराटे (Karate) एक युद्ध कला है जिसे जापानी लोगों ने विकसित किया है। इस कला का मूल उद्देश्य स्वास्थ्य, योग्यता, और रक्षा की क्षमता को बढ़ाना होता है। कराटे का अर्थ होता है "खाली हाथों से मारना"। कराटे को एक मार्शल आर्ट (युद्ध कला) के रूप में मान्यता मिलती है, जहां शारीरिक क्षमता, ताकत, स्वतंत्रता, आत्मविश्वास और संतुलन को विकसित किया जाता है। कराटे का व्यायाम करने वाला व्यक्ति कारणों के लिए इसे सीखता है जैसे कि स्वास्थ्य सुधारना, युद्ध कला की तकनीकों को समझना, स्वयं की सुरक्षा करना आदि।

कराटे के अनुयायी ध्यान और तत्परता की एक अद्वितीय दशा विशेषता को महत्व देते हैं। इस कला में कुशलता और शानदार तकनीकों को सीखने के लिए समय और प्रयास चाहिए। इसमें उच्च स्थान और प्राप्ति के लिए सख्त अभ्यास की आवश्यकता होती है। कराटे के कुछ प्रमुख तकनीकों में किक (पांव से मारना), पंच (मुड़बिंदु धावक), और कंगे (छुरी के रूप में जाना जाता है) शामिल होते हैं।

कराटे को विभिन्न संगठनों, संघों और विद्यालयों में सिखाया जाता है और विभिन्न गुरु और मास्टर द्वारा प्रमाणित किया जाता है। इसका प्रमुख उपयोग स्वास्थ्य सुधारने, स्वयंरक्षा करने और मनोयोग्यता विकसित करने में किया जाता है। 

कब हुई थी शुरुआत: कराटे की उत्पत्ति और उसका विकास मुख्य रूप से जापान में हुआ। कराटे का मूल आधार चीनी संघर्ष कला से है, जो चीन में बहुत प्राचीन समय से प्रचलित थी। चीनी योद्धा ने इसका उपयोग युद्ध में स्वयंसेवा और स्वरक्षण के लिए किया। कराटे को जापान में लाने का प्रमुख कारण चीनी और जापानी बाध्यता संबंधों का विकास रहा है। चीनी संघर्ष कला के मार्शल आर्ट्स गुरु बोधिधर्मा ने 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में चीन से जापान जाकर कराटे को वहां प्रसारित किया।

जापान में कराटे की विकास एवं प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न गुरु एवं मास्टरों का योगदान रहा है। वे इस कला को और विकसित करने के लिए नयी-नयी तकनीकों का अध्ययन करते रहे। कराटे की एक प्रमुख गोत्र (शैली) 'शोटोकान' है, जिसे गिचिन फुनाकोशी ने विकसित किया। वर्तमान में कराटे विश्व भर में लोकप्रिय हो गया है और विभिन्न विश्व संगठनों द्वारा मान्यता प्राप्त है।

कराटे और ताइक्वांडो में क्या अंतर है:  कराटे और ताइक्वांडो दो अलग-अलग मार्शल आर्ट्स (युद्ध कला) हैं, जो मुख्य रूप से एशियाई देशों में प्रचलित हैं। इन दोनों कलाओं में अंतर होता है। कराटे, जो जापान से उत्पन्न हुआ है, एक प्राचीन युद्ध कला है जिसका मुख्य लक्ष्य स्वास्थ्य, स्वरक्षा और योग्यता की विकास करना होता है। कराटे में पांव और हाथों के ताकत, तकनीक और रचनात्मकता को महत्व दिया जाता है। यह एक गोत्र (शैली) आधारित होता है, और विभिन्न तकनीकों, कैटा और स्पारिंग के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाता है।

वहीं, ताइक्वांडो एक दक्षिण कोरियाई मार्शल आर्ट है जिसे युद्ध कला, रक्षा, और खुदरा स्वास्थ्य के लिए अभ्यास किया जाता है। इसमें ताकत, तकनीक, और पांव-हाथ की प्रभावी उपयोगिता पर जोर दिया जाता है। ताइक्वांडो को खेली जाने वाली एक प्रमुख विशेषता उसके उच्च चौकोर स्टैंस (पोजीशन) और पांव और हाथों की ऊचाई के रूप में होती है। कराटे और ताइक्वांडो दोनों कलाओं में उत्साह, आत्मविश्वास, आदर्श, एकाग्रता, और संयम को विकसित करने का महत्वपूर्ण रोल है। यह दोनों युद्ध कलाओं का मूल उद्देश्य है और उन्हें शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद बनाने का प्रयास करते हैं।

कराटे को सीखने के लिए सही उम्र: कराटे को सीखने के लिए आमतौर पर 7 साल की आयु से ऊपर के लोगों को उचित माना जाता है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि इस आयु सीमा के बाद कराटे सीखना संभव नहीं है। योग्यताओं, शारीरिक और मानसिक विकास के स्तर पर आधारित होकर, कराटे का अभ्यास किसी भी उम्र में शुरू किया जा सकता है।

बच्चों को कराटे सीखने का मौका देने से उनका शारीरिक विकास, आत्मविश्वास, संयम, सामरिक क्षमता और एकाग्रता में सुधार होता है। इसके साथ ही, इसका अभ्यास उन्हें खुदरा स्वास्थ्य, आत्मरक्षा, और नैतिक मूल्यों को समझने में मदद करता है। कराटे को बच्चों के लिए उचित बनाने के लिए, उनकी शारीरिक और मानसिक पाठशाला में उच्चतम स्तर का ध्यान देना चाहिए। उन्हें सबर के साथ तत्पर और उत्साहित रखा जाना चाहिए। साथ ही, उनकी सुरक्षा और सुरक्षितता की गारंटी भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। अंतिम रूप में, यह महत्वपूर्ण है कि कराटे के अभ्यास के लिए अनुभवी और प्रशिक्षित गुरु या कोच की गाइडेंस मिले जो उचित तकनीक, सुरक्षा प्रक्रिया, और सही प्रशिक्षण में सहायता कर सकें।

कराटे की विभिन्न प्रतियोगिताएं विभिन्न संगठनों और संघों द्वारा आयोजित की जाती हैं। यहां कुछ प्रमुख कराटे प्रतियोगिताएं दी गई हैं:

विश्व कराटे चैंपियनशिप: विश्व कराटे चैंपियनशिप एक विश्वस्तरीय प्रतियोगिता है जिसे आयोजित करने के लिए विभिन्न देशों से कराटे के खिलाड़ी एकत्रित होते हैं। इस प्रतियोगिता को आमतौर पर हर 2-4 वर्ष में आयोजित किया जाता है।

एशियाई कराटे चैंपियनशिप: एशियाई कराटे चैंपियनशिप भी विश्वस्तरीय प्रतियोगिता है जिसमें एशियाई क्षेत्र से कराटे के खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। यह प्रतियोगिता आमतौर पर हर 2 वर्ष में आयोजित की जाती है।

राष्ट्रीय कराटे चैंपियनशिप: देशभर में कराटे खिलाड़ियों के बीच राष्ट्रीय कराटे चैंपियनशिप का आयोजन किया जाता है। इस प्रतियोगिता को नियमित अंतराल पर आयोजित किया जाता है और देश के विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों से खिलाड़ियों की भागीदारी होती है।

एशियाई खेल: एशियाई खेल में भी कराटे शामिल होता है और यह प्रतियोगिता हर 4 साल में आयोजित की जाती है। यह प्रतियोगिता एशियाई महाद्वीप के खिलाड़ियों के बीच कराटे के विभिन्न वर्गों में आयोजित की जाती है।

यह सिर्फ़ कुछ प्रमुख प्रतियोगिताएं हैं, हालांकि इसके अलावा भी कई अन्य प्रतियोगिताएं देशभर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाती हैं। प्रतियोगिताओं की तारीखें और आयोजन संबंधित संगठनों या फेडरेशनों द्वारा घोषित की जाती हैं, इसलिए आपको अपने स्थानीय कराटे संघ या संगठन से जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।

कितनी देर का होता है कराटे का एक मैच: कराटे के एक मैच की अवधि विभिन्न आयोजनों और प्रतियोगिताओं के आधार पर भिन्न हो सकती है। मानक कराटे मैच की आमतौर पर 2 या 3 मिनट की अवधि होती है, जिसमें दो प्रतियोगियों के बीच युद्ध की जाती है। कई बार, उच्च स्तर की प्रतियोगिताओं में, मैच की अवधि बढ़ाई जा सकती है और अतिरिक्त सेट या ओवरटाइम के नियम भी हो सकते हैं।

हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि विभिन्न प्रतियोगिताओं और संगठनों में निर्धारित नियमों का पालन किया जाए, जिसमें मैच की अवधि, राउंड की संख्या और अन्य निर्धारित प्रक्रियाएं शामिल हो सकती हैं। इसलिए, मैच की अवधि के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए संबंधित संगठन या प्रतियोगिता आयोजक से संपर्क करना चाहिए।

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