भुवनेश्वर: ओडिशा के मलकानगिरी जिले के मोटू क्षेत्र में एक बड़े लैंड जिहाद का मामला सामने आया है, जिसमें वन भूमि पर कब्जा करके 'इस्लाम नगर' नामक एक नया क्षेत्र स्थापित किया गया है। यह स्थान राष्ट्रीय राजमार्ग 326 से केवल 2-3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और घने जंगलों से घिरा हुआ है। यह क्षेत्र सबरी नदी के किनारे बसा है, जहां सड़कें, बिजली व्यवस्था और तार की बाड़ भी लगाई गई है। यह दावा है कि पिछली बीजू जनता दल (बीजद) सरकार के कार्यकाल में इस इलाके को बसाया गया था।
भाजपा के स्थानीय विधायक नरसिंह मदकामी ने आरोप लगाया है कि इस अतिक्रमण में बीजद के नेताओं का हाथ है, विशेष रूप से मासूम खान का। उनका कहना है कि मासूम खान, बीजद के नेता और नवरंगपुर के पूर्व सांसद प्रदीप माझी के करीबी सहयोगी हैं। मदकामी ने कहा कि मासूम खान ने वन भूमि पर 100 एकड़ से अधिक जमीन पर अवैध कब्जा किया और बारिबाँचा गाँव का नाम बदलकर 'इस्लाम नगर' रख दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि महात्मा गाँधी नरेगा (मनरेगा) फंड का इस्तेमाल करके इस क्षेत्र में अवैध रूप से इमारतों, गोदामों, सड़कों और तालाबों का निर्माण किया गया है।
मदकामी का यह भी आरोप है कि बिजली विभाग ने इस अवैध इलाके में बड़े-बड़े ट्रांसफॉर्मर भी लगा दिए हैं। भाजपा का कहना है कि यह सब स्थानीय बीजद नेताओं के राजनीतिक समर्थन के बिना संभव नहीं हो सकता। इस मामले में वन विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। मलकानगिरी डिवीजन की सहायक वन संरक्षक प्रियंका महुका ने बताया कि स्थानीय रेंजर को जाँच करने का आदेश दिया गया है और रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
उधर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने इस पूरे मामले को 'लैंड जिहाद' करार दिया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उत्तराखंड और असम की भाजपा सरकारों ने लैंड जिहाद के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं, ओडिशा की भाजपा सरकार भी वैसा ही कड़ा रुख अपनाएगी।
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