पटना: बिहार के सुलतानगंज अगुवानी पुल के ध्वस्त होने पर पटना उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. अदालत ने पुल गिरने के बाद बिहार सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी देने को कहा है. इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने पुल बनाने वाली कंपनी एस.पी. सिंगला के मैनेजिंग डाय़रेक्टर को भी कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है और सरकार से भी एस.पी.सिंगला कंपनी के संबंध में जानकारी मांगी है. बता दें कि, इस पुल को बनाने में 1710 करोड़ रुपए की लागत आई है, जो नए संसद भवन की लागत (862 करोड़) से लगभग दोगुनी है।
पटना उच्च न्यायालय में ललन कुमार की तरफ से दाखिल की गई जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. 4 जून को पुल गिरने की घटना पर न्यायमूर्ति पूर्णेंदु सिंह की बेंच ने कहा कि इस खबर से कोर्ट हैरान है. उन्होंने कहा कि गत वर्ष भी 13 अप्रैल 2022 को पुल का एक हिस्सा ढह गया था. उन्होंने कहा कि पुल को लेकर जिस प्रकार की खबरे मीडिया के माध्यम से आ रही है, वह हैरान करने वाली है. अदालत ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि पुल बिहार सरकार के अधिकारियों और ठेकेदार की गडबड़ियों के कारण गिरा है. इसलिए अदालत ने एसपी सिंगला कंपनी से 12 पाइंट पर जवाब तलब किया है.
न्यायालय ने पूछा है कि जहां पुल की बुनियाद रखी गई थी, वहां की मिट्टी कैसी है. पुल के गिरने के कारण पर्यावरण पर क्या असर पड़ा है. क्या पुल बनाने से पहले क्या जियोलॉजिस्ट से सर्टिफिकेट लिया गया था ? पुल निर्माण कार्य में लगे सामानों की खरीद पर GST का भुगतान किया गया था और 2014 से 2023 की अवधि तक GST रिटर्न फाइल किया गया था. यही नहीं अदालत ने पुल निर्माण के लिए खरीदे गए सामान की रसीद भी मांगी है.
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