धनतेरस पर कैसे शुरू हुई सोना-चांदी खरीदने की परंपरा? यहाँ जानिए

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धनतेरस, जिसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है, दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे धन की देवी मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि, और कुबेर देव की पूजा के लिए समर्पित किया गया है।

पूजा विधि
धनतेरस के दिन, विशेषकर प्रदोष काल में पूजा का विधान है। प्रदोष काल का समय संध्या के समय होता है, जो सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले का समय है। इस समय मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से श्रद्धालुओं को धन की प्राप्ति होती है और मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। भक्त इस दिन लक्ष्मी पूजन के साथ-साथ धन्वंतरि पूजन भी करते हैं, क्योंकि भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का देवता माना जाता है।

शुभ मुहूर्त
2024 में धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
त्रयोदशी तिथि की शुरुआत: 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे
त्रयोदशी तिथि का समापन: 30 अक्टूबर को दोपहर 01:15 बजे
प्रदोष काल: संध्या 05:38 बजे से 08:13 बजे तक
इस दौरान मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की उपासना की जा सकती है।

सोने और चांदी खरीदने का शुभ समय
इस दिन सोने और चांदी की खरीदारी का शुभ मुहूर्त 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे से लेकर 30 अक्टूबर को सुबह 06:32 बजे तक है। इस अवधि में खरीददारी करना बेहद शुभ माना जाता है, क्योंकि ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, और खुशहाली आती है।

धनतेरस पर सोना और चांदी खरीदने का महत्व
धनतेरस के दिन लोग सोने और चांदी की चीजें क्यों खरीदते हैं? इसके पीछे कई धार्मिक और पौराणिक मान्यताएं हैं:

भगवान धन्वंतरि की कथा: 
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के समय प्रकट हुए थे। उनके हाथ में अमृत का कलश था, जिससे अमरता की प्राप्ति होती है। धन्वंतरि को देवताओं के वैद्य के रूप में पूजा जाता है। इस दिन सोने और चांदी के बर्तन, लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियां, और आभूषण खरीदने का महत्व है, क्योंकि इससे धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

धातुओं का महत्व: 
ऐसा माना जाता है कि भगवान धन्वंतरि को पीतल की धातु प्रिय है। इसलिए, इस दिन पीतल की धातु से बनी चीजों को भी खरीदना शुभ होता है। इसके साथ ही, सोना और चांदी भी स्थायी धातुएं हैं, जिन्हें धन और समृद्धि के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

मां लक्ष्मी का आशीर्वाद: 
सोने और चांदी की खरीदारी से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भक्तों का मानना है कि जब वे इस दिन धन से जुड़े सामान खरीदते हैं, तो इससे उनके जीवन में समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है।

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