बैंगलोर: 9 सितंबर को कर्नाटक की राजधानी में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की बैठक के दौरान कांग्रेस MLC बीके हरिप्रसाद द्वारा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की खुलेआम आलोचना करने के बाद, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।
कांग्रेस ने उनके आचरण को 'पार्टी अनुशासन का उल्लंघन' करार देते हुए उनसे 10 दिनों के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा है। इससे पहले, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हरिप्रसाद से बात की और उन्हें पार्टी नेताओं की आलोचना करने से परहेज करने को कहा। हरिप्रसाद पार्टी की सर्वोच्च कार्यकारी समिति, कांग्रेस कार्य समिति के स्थायी आमंत्रित सदस्य भी हैं। नोटिस में कहा गया है कि, 'हाल के दिनों में, आपके बयानों ने OBC और दलित (SC) के मन पर नकारात्मक प्रभाव डाला है, जो पार्टी का समर्थन आधार हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता होने के नाते आप इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि ऐसे बयान नहीं देने चाहिए, जो पार्टी के लिए हानिकारक हों। यह पार्टी के अनुशासन का घोर उल्लंघन है और आप जानबूझकर इसमें शामिल हुए हैं।'
नोटिस में यह भी कहा गया है कि हरिप्रसाद ने भाजपा के कोटा श्रीनिवास पुजारी और वाईएसआर कांग्रेस (YSRCP) के जोगी रमेश के साथ एक मंच साझा किया था। नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए हरिप्रसाद ने बुधवार को कहा कि वह तय समय के भीतर इसका जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि, 'मैंने व्हाट्सएप पर नोटिस देखा। कॉपी आज मुझ तक पहुंच सकती है। एक बार मुझे यह मिल जाए तो मैं दिए गए समय के भीतर जवाब दूंगा। नोटिस की सामग्री मेरे और पार्टी के बीच है और मैं इसका जवाब दूंगा।''
BJP की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान हुआ बड़ा हादसा, एक मजदूर की हुई मौत