शिमला: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार एक बार फिर विवादों में है। इस बार मामला एक सरकारी बस में सफर कर रहे यात्री द्वारा मोबाइल पर एक बहस सुनने से जुड़ा है। यह बहस कांग्रेस नेता राहुल गांधी, अखिलेश यादव और ममता बनर्जी के नामों को लेकर थी। इसे लेकर हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने बस के ड्राइवर और कंडक्टर को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब देने का आदेश दिया है।
राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस मस्त पूरे देश में संविधान लहरा रही है ,
— खुरपेंच (@khurpenchh) November 29, 2024
हिमाचल परिवहन की बस में एक आदमी आचार्य प्रमोद वीडियो देख रहा था जिसमे राहुल गांधी का नाम आ रहा था।
परिवहन अधिकारियों ने बस ड्राइवर को दुष्प्रचार फैलाने का स्पष्टीकरण नोटिस जारी कर दिया ।
ऐसी हिटलर शाही देख… pic.twitter.com/bPWHdxjLJ3
दरअसल, 1 नवंबर को शिमला से संजौली जा रही एचआरटीसी बस में एक यात्री ने अपने मोबाइल पर आचार्य प्रमोद की बहस सुननी शुरू की। शिकायत के मुताबिक, बहस में राहुल गांधी और अन्य नेताओं का जिक्र था। किसी ने इस घटना की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय को दी, जिसके बाद ड्राइवर टेक राज और कंडक्टर शेष राम को नोटिस भेजा गया। यह बताया गया कि सरकारी वाहन में ऐसी राजनीतिक बहस सुनना नियमों का उल्लंघन है। इस घटना को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा। बीजेपी विधायक सुधीर शर्मा ने इसे हास्यास्पद करार दिया और कहा कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार लगातार मजाक का विषय बनती जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या लोगों को अपने निजी मोबाइल पर बहस सुनने का अधिकार नहीं है?
अब बस में कोई क्या सुनेगा क्या नहीं सुनेगा ये भी तय होगा?
— Gems of Himachal (@GemsHimachal) November 29, 2024
मीडिया डिबेट का ऑडियो चल रहा होगा HRTC में फिर क्या था उसमें राहुल गांधी को लेकर कटाक्ष चल रहा होगा इसकी बस में सवार कांग्रेसी विचारधारा वाले ने शिकायत कर दी अब जवाब मांगा जा रहा है।।#Himachal pic.twitter.com/8eMKo9TNdF
पिछले दिनों हिमाचल सरकार पर कई अजीबोगरीब फैसलों के लिए आलोचना हुई है। समोसे बांटने की घटना पर सीआईडी जांच, टॉयलेट टैक्स, और अब इस नोटिस ने प्रदेश सरकार को घेर लिया है। सवाल यह उठता है कि राज्य की कांग्रेस सरकार क्या राहुल गांधी की आलोचना बर्दाश्त नहीं कर सकती? क्या हिमाचल की जनता को राजनीतिक बहस सुनने का अधिकार नहीं है?
यह कार्रवाई सवाल खड़े करती है कि क्या सुक्खू सरकार मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है? माना कि राहुल गांधी कांग्रेस के सर्वेसर्वा नेता हैं, लेकिन आलोचना तो प्रधानमंत्री की भी होती है, तो क्या किसी को राहुल के खिलाफ एक बयान सुनने की भी इजाजत नहीं? हिमाचल की जनता के अधिकारों और अभिव्यक्ति की आज़ादी का सम्मान होना चाहिए।
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