हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी के अंदर क्या होता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि चंद्रमा के अंदर क्या होता है? यह सवाल न सिर्फ दिलचस्प है, बल्कि कई लोगों को चंद्रमा के बारे में और ज्यादा जानने के लिए उत्साहित भी करता है। चंद्रमा, पृथ्वी से आकार में छोटा है और इसका घनत्व भी कम है। पृथ्वी में एक बड़ा पिघला हुआ बाहरी कोर (मध्य भाग) और ठोस आंतरिक कोर है। लेकिन चंद्रमा में ऐसा कोई बड़ा पिघला हुआ कोर नहीं है। इसकी संरचना पृथ्वी से काफी अलग है।
पृथ्वी और चंद्रमा में क्या फर्क है?
जहां पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र बहुत मजबूत है, वहीं चंद्रमा का चुंबकीय क्षेत्र काफी कमजोर है। पृथ्वी पर हमेशा भूकंप आते रहते हैं, लेकिन चंद्रमा पर बहुत कम भूकंपीय गतिविधियां (भूकंप जैसी हलचलें) होती हैं। इसके अलावा, पृथ्वी का वायुमंडल (हवा) बहुत मोटा है, जबकि चंद्रमा का वायुमंडल बेहद पतला है, लगभग न के बराबर।
चंद्रमा की परतें
वैज्ञानिकों ने चंद्रमा की सतह के नीचे कई परतें खोजी हैं। सबसे ऊपरी परत को 'पपड़ी' कहा जाता है, जो चट्टानों से बनी होती है। इसके नीचे 'मेंटल' है, जो थोड़ा गर्म और घना पदार्थ है। और सबसे नीचे 'कोर' है, जो लोहे से बना हुआ है।
चंद्रमा का निर्माण कैसे हुआ?
वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्रमा का निर्माण एक बड़े पिंड के पृथ्वी से टकराने के बाद हुआ। इस टक्कर से निकले मलबे से चंद्रमा बना। हाल के अध्ययनों से पता चला है कि चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों में बर्फ के रूप में पानी भी मौजूद है।
नए मिशन और भविष्य की योजनाएं
चंद्रमा के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिक लगातार नए मिशन भेज रहे हैं। इन मिशनों से हमें चंद्रमा की संरचना, पानी की उपस्थिति और वहां मानव बस्ती बसाने जैसी संभावनाओं पर और ज्यादा जानकारी मिलेगी। आने वाले समय में, शायद हम चंद्रमा पर मानव बस्तियां भी बसा सकें। चंद्रमा का रहस्य अभी पूरी तरह से खुला नहीं है, लेकिन वैज्ञानिकों की यह कोशिश हमें वहां की अंदरूनी जानकारी के और करीब ले जा रही है।
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