जब मौत आती है, तो कैसा महसूस होता है? इस प्रश्न का उत्तर अब वर्चुअल रियलिटी के माध्यम से प्राप्त हो सकेगा। ऑस्ट्रेलिया के आर्टिस्ट शॉन ग्लैडवेल ने इसके लिए पूरा इंतजाम किया है। वह विक्टोरिया की मेलबर्न नेशनल गैलेरी में एक शो कर रहे हैं। लोगों को एक अनोखा अनुभव देने के लिए ग्लैडवेल ने बिजली के तूफानों की आवाज एवं मेडिकल तकनीक की सहायता ली।
शो में कार्डियक अरेस्ट से लेकर ब्रेन डेड तक, यदि कुछ हो तो मनुष्य को उस समय कैसा लगता है? ये बताने के लिए तकनीक का उपयोग किया जाता है। ग्लैडवेल ने कहा कि इस अनुभव में मनुष्य स्वयं से दूरी महसूस करता है तथा उसे ऐसा लगता है जैसे वह हवा में तैरता हुआ बड़े ब्रह्मांड की ओर जा रहा है। उन्होंने कहा, 'मृत्यु के आखिरी कुछ मिनटों को अनुभव करना व्यक्तिगत जीवन का ध्यान करने जैसा है। मेरे लिए ये उदासी नहीं बल्कि रंगों एवं मूड का स्पेक्ट्रम है।' लोगों को मौत का अनुभव देने के लिए सबसे पहले उन्हें इस गैलरी में आना होता है। यहां उन्हें हॉस्पिटल जैसे नजर आने वाले बेड पर लेटने को बोला जाता है।
यहां हार्ट बीट चेक करने जैसी मशीनें लगी हैं। यदि किसी को असहज महसूस होता है, तो वो बीच में ही जा सकता है। उनकी सहायता के लिए यहां स्टाफ के सदस्य मौजूद रहते हैं। सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति ने शो का वीडियो साझा किया। इसमें लोग नीले रंग के बेड पर लेटे हुए नजर आते हैं। उनके सिर पर वर्चुअल रियलिटी सिमुलेटर्स लगे हैं। आगे उसने कहा, 'यदि ये सब भी काम न करे तथा आप मरने वाले हों, तो आप स्वयं को चश्मों की सहायता से देख पाएंगे।' व्यक्ति ने कहा, 'कैसा लगेगा अगर वो (डॉक्टर) आपको उठाने का प्रयास कर रहे हों। यदि ये भी काम न करे, तो आपको तैरता हुआ महसूस हो तथा ऐसा होता रहे।'
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