आजकल सभी स्मार्टफोन यूजर्स अपने फोन में मैमोरी कार्ड का इस्तेमाल करते हैं. ढेर सारे एप्स और डेटा से लैस होने के कारण फोन का स्टोरेज बहुत जल्दी फुल हो जाता है. ऐसे में स्टोरेज बढ़ाने के लिए मैमोरी कार्ड का सहारा लिया जाता है. यूजर्स की जरूरत को देखते हुए कई बड़ी इलेक्ट्रॉनिक कंपनियां काफी ज्यादा स्टोरेज वाले माइक्रो एसडी कार्ड मार्केट में लॉन्च कर रही हैं.
नकली मैमोरी कार्ड का असर
यूजर्स स्टोरेज एक्सपैंड करने के लिए मार्केट से ब्रांडेड मैमोरी कार्ड खरीद लेते हैं, बिना यह जाने की कार्ड असली है या नकली आप उससे मोबाइल में लगा लेते हैं. अगर आप फोन में नकली मैमोरी कार्ड लगाते हैं, तो इससे आपको पर्याप्त स्टोरेज नहीं मिलेगा, साथ ही फोन के डेटा डिलिट होने का भी खतरा बना रहता है. इसके अलावा मोबाइल प्रोसेसिंग पावर भी कम हो जाती है.
पैक मैमोरी कार्ड ही खरीदें
दुकानदार नकली मैमोरी कार्ड को असली बताकर ही बेचते हैं. लेकिन अगर आप इस धोखाधड़ी से बचना चाहते हैं, तो कभी अनपैक्ड यानी खुला मैमोरी कार्ड न खरीदें. मार्केट में 70 फीसदी से ज्यादा कार्ड बिना पैक के बेचे जाते हैं, जिसमे में से ज्यादातर नकली होते हैं.
कार्ड पर प्रिंट
असली मैमोरी कार्ड पर लिखा हुआ ब्रैंड का नाम क्लियर प्रिंट होता है, जबकि नकली मैमोरी कार्ड में थोड़ा फैला और भद्दा सा होता है. प्रिंट के इस फर्क को गौर से देखने पर पहचाना जा सकता है.
स्टोरेज कैपेसिटी
नकली मैमोरी कार्ड में बताई गई स्टोरेज कैपेसिटी से कम डाटा स्टोर करने की क्षमता होती है. इसका मतलब यह की अगर मैमोरी कार्ड 16GB का है तो उसमें 12GB डाटा स्टोर करने की ही क्षमता होगी.
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