कोरोना काल में बांस की चिक और पोर्टेबल कूलरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. वही, रेलवे कोरोना वायरस रोगियों के इलाज के लिए तैनात किए गए आइसोलेशन कोच के भीतर गर्मी को मात देने के नए तरीके आजमा रहा है। रेलवे के अनुसार कोचों के भीतरी हिस्से को ठंडा रखने के लिए उनके ऊपर कवर शीट रखे गए हैं। पांच राज्यों में ऐसे कोच तैनात किए गए हैं। रेलवे ने कहा है कि कोच को ठंडा रखने के लिए बबल रैप फिल्मस को डिब्बों पर लपेटा जा रहा है.
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इस मामले को लेकर जानकारों का कहना है कि इससे डिब्बे के अंदर का तापमान एक डिग्री सेल्सियस तक कम किया जा सकता है। उत्तर रेलवे ने प्रयोग के तौर पर आइसोलेशन कोच की छत पर गर्मी को कम करने में मददगार पेंट की परतें भी चढ़ाईं। बताया जाता है कि इस तकनीक से भीतर का तापमान 2.2 डिग्री सेल्सियस तक कम किया जा सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे ने उत्तरी एवं उत्तर मध्य रेलवे में 100 परिवर्तित कोच की छत को प्रयोग के तौर पर पेंट करने का आदेश दिया है। वही, यह काम रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) द्वारा प्रस्तावित मानक के अनुसार किया जाएगा। कोविड-19 फैलने से पहले हमसफर एक्सप्रेस, जन शताब्दी एक्सप्रेस, अंत्योदय एक्सप्रेस के करीब 100 कोचों पर प्रयोग किया गया था। इसमें दूसरे मेक-इन-इंडिया उत्पाद का इस्तेमाल किया गया था।
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि दिल्ली और में बढ़ते कोरोना संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने 500 रेल कोच में आइसोलेशन वार्ड बनाने के निर्देश दिये हैं। इसके बाद आनंद विहार रेलवे स्टेशन के सात प्लेटफॉर्म को आइसोलेशन कोच के लिए आरक्षित कर दिया गया है। अच्छी तरह साफ किया गया। खिड़कियों को जाली और टेप लगाकर बंद किया गया। वहीं कोच के अंदर प्लास्टिक के पर्दे लगाये गए और बीच की बर्थ को हटा दिया गया है। स्टेशन अधीक्षक ओम कुमार ने बताया कि आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर कितने कोच लगाए जाएंगे यह अभी तय नहीं हुआ है। यहां से चलने वाली सभी पांच ट्रेनें अब पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से चलेंगी।
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